आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कल तक किसानों के हित में कदम उठाने वाली मोदी सरकार आज भला किसानों के खिलाफ कैसे हो गई? आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि जिन किसानों के बिना हिंदुस्तान के सियासत की कल्पना नहीं की जा सकती है, आखिर उन किसानों को जेल भेजने की तैयारी में क्यों है मोदी सरकार? संभव है कि ऊपर दिए गए इस शीर्षक को पढ़कर आपके जेहन में यह सवाल जरूर उठे होंगे, तभी तो आपने हमारी इस पोस्ट पर क्लिक किया होगा, तो चलिए हमारी इस खास रिपोर्ट को पढ़कर जानने और समझने की कोशिश करिए की भला मोदी सरकार इस चुनावी मौसम में अन्नदाताओं को नाराज करके भला क्या हासिल करना चाहती है? पढ़िए हमारी यह खास रिपोर्ट...
..तो इसलिए उठाया किसानों के खिलाफ ये कदम
अब तो सरकार की तरफ से भी चेतावनी जारी हो चुकी है कि अबकी बार अगर किसान नहीं माने तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें जेल की हवा भी खिलाई जा सकती है. यह सख्त कदम उठाने के लिए मोदी सरकार इसलिए बाध्य हो रही है, चूंकि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'किसान सम्मान निधि योजना' के तहत किसानों को प्रतिवर्ष 6 हजार रूपए देने का प्रावधान है, लेकिन इस योजना का लाभ उठाने के लिए सरकार ने किसानों के लिए कुछ मानक स्थापित किए हैं, जिनका अनुपालन किए बगैर इस योजना का लाभ नहीं उठाया जा सकता है, मगर अफसोस हमारे कुछ ऐसे किसान भाई भी सामने आ रहे हैं, जो वास्तविकता के आइने से इन मानकों का पालन करते हुए तो नहीं दिख रहे हैं, लेकिन इस योजना के तहत 6 हजार रूपए की राशि उनके जेब को जरूर भारी कर रही है. अब सरकार ऐसे किसानों के खिलाफ कदम उठाने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद होकर अपने पूरे लावलश्कर को दुरूस्त कर चुकी है.
सरकार रूख है, अब बिल्कुल साफ
वहीं, सरकार ने ऐसे सभी किसानों को साफ कह दिया है कि अगर ऐसे किसी भी किसान ने 'पीएम किसान सम्मान निधि योजना' के तहत 6 हजार रूपए की राशि प्राप्त की है, तो वो उसे वापस कर दे, नहीं तो उनके खिलाफ FIR दर्ज कर उन्हें जेल की हवा खिलाई जा सकती है. आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि इस स्कीम के तहत लोगों ने फर्जी तरीके से 2,326 करोड़ की निकासी की है. मिली जानकारी के मुताबिक, अब तक 231 करोड़ रूपए की निकासी की जा चुकी है. बिहार सरकार ने तो किसानों को यह राशि वसूलने के लिए बकायदा एक पोर्टल तक बना दिया है.
ऐसा है, अब आगे का प्लान
यहां हम आपको बताते चले कि लोगों द्वारा इस तरह के फर्जी तरीके से पैसे की वसूली किए जाने के सिलसिले पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा प्लान तैयार किया है.अब सरकार ऐसे सभी किसानों भाइयों के नामों को पंचायत स्तर पर सार्वजनिक करने का प्लान बना चुकी है, जो किसान 'सम्मान निधि योजना' के तहत मिलने वाली राशि का लाभ उठा चुके हैं.
सरकार के मुताबिक, इससे जहां पारदर्शियता बढ़ेंगी तो वहीं उन किसानों को भी आसानी से चिन्हित किया जा सकेगा, जो फर्जी तरीके से इसका लाभ उठा रहे हैं. खैर, अब सरकार के इस कदम का क्या कुछ असर पड़ता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही तय करेगा.
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