सरकार समय-समय पर किसानों की आय बढ़ाने के लिए नई-नई स्कीम जैसे कर्जमाफी, कृषि यंत्रो और उर्वरक पर सब्सिडी, क्रेडिट कार्ड, स्वाइल हेल्थ कार्ड, एमएसपी में वृद्धि आदि लाती रहती है, अब इसी कड़ी में बिहार सरकार राज्य के किसानों को पशुपालन में बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जिले में एक पशु विज्ञान केंद्र खोलने के तैयारी में है. सरकार का मानना है ऐसा करने से गरीब पशुपालकों को काफी लाभ होगा और साथ ही उन्हें इस क्षेत्र में नई-नई तकनीक से अवगत होने का मौका भी मिलेगा. इस बात की जानकारी रविवार को पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रामेश्वर सिंह ने वेटनरी कॉलेज में आयोजित अवकाश प्राप्त वेटनरी डॉक्टरों के सम्मेलन में दी.
पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रामेश्वर सिंह ने बताया की पशु विज्ञान विश्वविद्यालय फिलहाल जमुई एवं आरा कृषि विज्ञान केंद्र इसके संचालन की तैयारी कर चुका है. पहले जमुई कृषि विज्ञान केंद्र एक एनजीओ द्वारा चलाया जाता था अब इसका संचालन विश्वविद्यालय द्वारा किया जायेगा. कृषि विज्ञान केंद्र आरा का संचालन स्काडा द्वारा किया जा रहा था अब इसका संचालन भी विश्वविद्यालय ही करेगा. इसके लिए सरकार की सहमति भी बना चुकी है.
इस समारोह में आए सभी अतिथियों का स्वागत अवकाश प्राप्त वेटनरी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. एसपी शर्मा द्वारा किया गया. वेटनरी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. एसपी शर्मा ने कहा विश्वविद्यालय पशुपालन को बढ़ाने क्षेत्र को बढ़ने के लिए नए शोध पर जोर दे. जब तक पशुपालकों को नई तकनीक ज्ञान नहीं होगा तब तक पशुपालन लाभ का पेशा नहीं बन सकता. नई तकनीक पशुपालकों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय पशुपालन विभाग की है.
युवा पीढ़ी को पशुपालन के प्रति आकर्षित करने के लिए इसे लाभदायक बनाना बहुत आवश्यक है. हम खेती योग्य जमीन तो नहीं बना सकते पर पशुपालन को बढ़ावा देकर ज्यादा-ज्यादा लोगों को रोजगार दिया जा सकता है. बिहार राज बड़ी संख्या में लोग पारंपरिक तरीके से पशुपालन करते है. इसको बढ़ावा देना राज्य सरकार एवं समाज दोनों की जिम्मेदारी है. इस अवसर पर वेटनरी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. सिया राम सिंह, डॉ. धर्मेन्द्र सिन्हा, डॉ. अली अहमद खान सहित कई चिकित्सकों ने भाग लिया.
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