कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी अशीष भुटानी ने कहा कि सरकार प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण सोसायटी पीएसीएस के कंप्यूटरीकरण के लिए 2,000 करोड़ रुपये प्रदान करेगी। सरकार का मानना है कि इससे जमीनी स्तर पर काम करने वाली सहकारिता संस्थाओं को डिजिटल प्रौद्योगिकी का लाभ पहुंचाया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि इस प्रौद्योगिकी के कारण पारदर्शिता सुनिश्चित होगी साथ ही इससे रोजगार सृजन भी होगा। इसलिए डिजिटल प्रौद्योगिकी को अपनाना ही एकमात्र रास्ता है जिसके जरिये सहकारी संस्थायें अपनी प्रासंगिकता को बनाये रख सकती हैं।
नेशनल कोपरेटिव यूनियन आफ इंडिया एनसीयूआई द्वारा आयोजित एक समारोह में कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव सहकारिता भूटानी ने कहा, सरकार पीएसीएस को कंप्यूटरीकरण करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये प्रदान करेगी ताकि जमीनी स्तर पर काम करने वाली इस सहकारिता संस्था को डिजिटल प्रौद्योगिकी का लाभ प्राप्त हो सके।
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के महाप्रबंधक राजीव सिवच ने कहा कि पीएसीएस को एक व्यवसाय प्रारूप को विकसित करना चाहिये ताकि वे कई सेवाओं को प्रदान कर सकें। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों के पास एटीएम भी होना चाहिये ताकि वे ग्राहकों को आकर्षित कर सकें। उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए भी समाधान तलाशना होगा कि रिण आवंटन में उनका हिस्सा अधिक हो।
डिजिटल प्रौद्योगिकी के लिए सरकार देगी 2000 करोड़ रूपये...
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी अशीष भुटानी ने कहा कि सरकार प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण सोसायटी पीएसीएस के कंप्यूटरीकरण के लिए 2,000 करोड़ रुपये प्रदान करेगी। सरकार का मानना है कि इससे जमीनी स्तर पर काम करने वाली सहकारिता संस्थाओं को डिजिटल प्रौद्योगिकी का लाभ पहुंचाया जा सकेगा।
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