अब दिल्ली में ही केंद्र सरकार 30 हजार हेक्टेयर जमीन पर जैविक खेती कराएगी। इस खेती के लिए सरकार दिल्ली के किसानो को आर्थिक मदद देगी। इसके पहले चरण के लिए सरकार ने ढाई हजार एकड़ के जमीन चुन भी ली है। दिल्ली के विकास विभाग ने इसके लिए 36 करोड़ राशि का प्रस्ताव भी बनाया है. इस राशि में 4 करोड़ की राशि की स्वीकृति भी दे दी है।
दिल्ली के 360 गांवों के 90 गांवों में है खेत
दिल्ली में इस वर्तमान समय में 30000 हेक्टेयर भूमि पर खेती हों रही है। दिल्ली के 360 गांवों के 90 गांवों में खेत है। उत्तरी दिल्ली में अलीपुर से नरेला तक खेती के उपयुक्त सबसे ज्यादा जमीन है। अब केंद्र सरकार की मंशा हो चुकी है की दिल्ली के लोगो के लिए दिल्ली में ही जैबिक आनाज उपलब्ध रहे। सरकार के मुताबिक ये जैविक खेती गांव के ही आदमी करंगे।
लैब से हर साल की जाएगी मिट्टी की जाँच
विकास विभाग क़ि तरफ से किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। भारत सरकार के द्वारा सात रजिस्टर्ड कम्पनियाँ ये काम करेगी जिन्हे काम सौप दिया गया है। ये सभी कम्पनियो के द्वारा किसानों को बीज, दवाइयां व खाद उपलब्ध कराया जायेगा। इसके बाद फसल को यही कंपनियां ही खरीदेंगी। कंपनियां पैकेट बनाकर तैयार होने वाले अनाज को बेचेंगी। जिस भूमि पर जैविक खेती होगी उस खेत की मिंट्टी की केंद्र सरकार की लैब से हर जांच की जायेगी।
प्र्त्येक कलास्टर में 20 -50 किसान होगें शामिल
कृषि विभाग से सम्बन्धित एक विशेषज्ञ का कहना है की हर गांव में एक क्लास्टर होगा हर क्लास्टर में 20 से 50 किसान शामिल होंगे। एक क्लास्टर में 50 एकड़ की जमीन निर्धारित की है. शुद्ध जैबिक आनाज तीन साल में तैयार हो जायेगा। पहले साल तैयार होने वाली आनाज में जैबिक होने का असर काम रहेगा। जबकि तीसरे साल पैदा होने वाले आनाज पूरी तरह से जैविक होंगे।
किसान कोई भी फसल उगा सकता है
किसान कोई भी फसल उगा सकेंगे। मगर एक क्लस्टर में एक ही फसल होगी। एक कलास्टर का क्षेत्र 50 एकड़ का होगा। सभी तैयारियां हो चुकी हैं। विभाग व कंपनियों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर होने हैं। उसके बाद कंपनियां अपना काम शुरू कर देंगी।
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