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गेहूं की कीमतें स्थिर रखने के लिए राज्यों को सरकारी स्टॉक जारी कर सकता है केंद्र: सूत्र

किसानों और व्यापारियों का कहना है कि फसल की पैदावार में गिरावट से आहत सरकार ने मई में अनाज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया. इस बीच किसानों पिछली फसल की बाजार में आवक धीमी हो गई है, क्योंकि किसानों के पास स्टॉक खत्म गया है.

मनीष कुमार
मध्य प्रदेश, इंदौर के एक गेहूं व्यापारी ने कहा है कि देश में खादय् पदार्थों की मांग लगातार बढ़ रही है, लेकिन आपूर्ति घट रही है. मंडी में नई फसल आने तक कीमतें और बढ़ने की संभावना है. (प्रतीकात्मक फोटो-सोशल मीडिया)
मध्य प्रदेश, इंदौर के एक गेहूं व्यापारी ने कहा है कि देश में खादय् पदार्थों की मांग लगातार बढ़ रही है, लेकिन आपूर्ति घट रही है. मंडी में नई फसल आने तक कीमतें और बढ़ने की संभावना है. (प्रतीकात्मक फोटो-सोशल मीडिया)

देश में खाद्य सामग्रियों की कीमतें आसमान छू रही हैं. इस पर लगाम लगाने के लिए सरकार खाद्य मुद्रास्फीति पर लगातार काम कर रही है. हालांकि गेहूं की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल आने के बाद सरकार के लिए महंगाई को कंट्रोल में रखना कठिन हो गया है. सरकारी सूत्रों का कहना है कि खाद्य पदार्थों की कीमतों को कम करने के लिए सरकारी अनाज भंडार को राज्यों में पहुंचाकर महंगाई को काबू में रखने के उपाय हो सकते हैं.

देश में गेहूं की कीमतें गुरुवार को रिकॉर्ड 26,500 रुपये प्रति टन हो गई है. यह सरकार द्वारा मई में लगाए गए निर्यात प्रतिबंध के बाद से लगभग 27 प्रतिशत अधिक है. मध्य प्रदेश, इंदौर के एक गेहूं व्यापारी मनसुख यादव ने कहा है कि देश में मांग लगातार बढ़ रही है, लेकिन आपूर्ति घट रही है. मंडी में नई फसल आने तक कीमतें और बढ़ने की संभावना है.

दुनिया में भारत गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और सबसे बड़ा उपभोक्ता है. सूत्रों का कहना है कि कीमतों को कम करन के लिए सरकार आटा, बिस्किट निर्माताओं जैसे थोक उपभोक्ताओं के लिए बाजार में राजकीय भंडार को बेचने पर विचार कर सकती है.

एक सरकारी सूत्र ने कहा कि हम गेहूं की कीमतों की स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं. सरकार महंगाई को नियंत्रित करने के लिए राजकीय स्टॉक जारी कर सकती है. कारोबारियों ने कहा है कि केंद्र सरकार कम आवक के कारण बड़े पैमाने पर स्टॉक जारी नहीं कर सकी है. अक्टूबर की शुरुआत में सरकारी भंडार में गेहूं का स्टॉक 2.27 करोड़ टन है.

यह एक साल पहले की समान अवधि तक 4.69 करोड़ टन था. 2022 के बाद से घरेलू गेहूं की खरीद 57 प्रतिशत तक गिर गई है. सूत्रों का कहना है कि सरकारी गेहूं के आयात पर 40 प्रतिशत तक कर घटा सकती है.

एक अंतरराष्ट्रीय व्यापार कंपनी के एक कर्मचारी ने कहा है, कीमतों में वृद्धि व्यापारियों के अनुमान कुल उत्पादन 9.5 करोड़ टन का परिणाम है. यह उत्पादन सरकारी अनुमान 10.684 करोड़ टन से 10 प्रतिशत से अधिक कम है.

English Summary: government weighs steps to control record wheat prices sources say Published on: 11 November 2022, 03:49 PM IST

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