
देश के किसान अब अनाजों की खेती के साथ-साथ बागवानी फसलों में भी अधिक रूचि दिखा रहे हैं. सरकारें भी इसके लिए किसानों को सब्सिडी मुहैया कराती हैं जिस वजह से किसानों को बड़ा फायदा हो रहा है. इसी क्रम में बिहार सरकार अब पारंपरिक फसलों की जगह किसानों को उच्च लाभ वाली फसलों की ओर आकर्षित करने के लिए सरकार स्ट्रॉबेरी विकास योजना (2025-26) लेकर आई है. साथ ही इस योजना को लाने का मुख्य उद्देश्य है राज्य में स्ट्रॉबेरी की खेती को बढ़ावा देना, किसानों की आमदनी को दोगुना करना.
बिहार के किसान को होगा मुनाफा
स्ट्रॉबेरी की खेती को आमतौर पर ठंडी जलवायु वाले इलाकों में किया जाता है, लेकिन अब तकनीकी प्रगति और उन्नत किस्मों की वजह से इसे बिहार के मौसम में भी सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है. और यदि किसान उचित तरीके से इसकी खेती करें, तो किसान प्रति हेक्टेयर 10 से 12 टन तक उत्पादन कर सकते हैं.
वहीं बिहार सरकार ने इस योजना के तहत किसानों को प्रति हेक्टेयर 3.20 लाख रुपये तक की सब्सिडी देने की घोषणा की है. इससे किसानों को स्ट्रॉबेरी की खेती में आने वाला भारी शुरुआती खर्च में मदद मिलेगी और किसानों की आय में भी इजाफा हो सकता है.
किन जिलों में लागू की गई योजना?
बिहार सरकार ने स्ट्रॉबेरी विकास योजना को शुरुआती चरण में 12 जिलों में लागू किया है. इनमें शामिल हैं- बांका, लखीसराय, औरंगाबाद, बेगूसराय, भागलपुर, गया, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पटना, पूर्णिया, समस्तीपुर और वैशाली इन जिलों के किसान इस योजना का पूरा लाभ उठा सकते हैं.
किन चीजों पर मिलेगी सब्सिडी?
कृषि विभाग के अनुसार, स्ट्रॉबेरी की खेती की जो लागत है प्रति हेक्टेयर 7.56 लाख रुपये है इसमें किसानों को लगभग 40% में 3.20 लाख रुपये तक की सब्सिडी देगी. इसके अलावा, स्ट्रॉबेरी की पैकेजिंग सामग्री जैसे कूट के डब्बे और प्लास्टिक डिब्बों पर भी लागत का 40% अनुदान मिलेगा.
आवेदन प्रक्रिया क्या है?
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आवेदनकर्ता पहले बिहार सरकार की आधिकारिक हॉर्टिकल्चर वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in पर जाएं.
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उसके बाद स्ट्रॉबेरी विकास योजना (2025-26) का विकल्प चुनें.
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अपनी भूमि का विवरण, बैंक खाता संख्या, पहचान पत्र और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें.
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आवेदन जमा करने के बाद जिले के बागवानी अधिकारी द्वारा सत्यापन किया जाएगा.
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