दाल आम आदमी का मुख्य खाना है, लेकिन पिछले कुछ समय आम आदमी को दाल खाना भी नसीब नही हो रहा है! इसका कारण है दालों के बढ़ते दाम, पिछले सीजन में भी दालों ने खूब रुलाया! हो सकता है शायद इस बार आम आदमी को दाले रुलाये क्योंकि इसके लिए शीर्ष स्तर पर कुछ बड़े फैसले लिए जाने की प्रक्रिया चल रही है! हो सकता है सरकार दालों की कीमतों में घरेलू मार्किट में इजाफा करे! ऐसा इसलिए, क्योंकि रबी मौसम में बोए गए चने और मसूर की फसल जब तैयार हो, तो किसानों को बाजार में कम से कम सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.पी.एस.) के बराबर कीमत तो मिल जाए!
जनवरी शुरुआत तक देश में 16.97 लाख टन दालों का बफर स्टॉक था! इस समय रबी मौसम में चने और मसूर की फसल खेतों में होने की वजह से इसके अलावा कर्नाटक, बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों में अरहर की फसल तैयार है जो अगले दो महीने में बाजार में आ जाएंगी! घरेलू बाजार में दालों की कीमत में तेजी लाने के लिए सरकार ने कुछ महीने पहले अरहर, मूंग और उड़द के आयात पर मात्रात्मक प्रतिबंध लगाया था, लेकिन उसका असर कोई खास नहीं दिखा! इसके बाद भी सरकार ने कई अन्य फसलों पर आयातशुल्क में बढ़ोतरी की है लेकिन फिर भी इसका कोई ख़ास असर देखने को नहीं मिला! हो सकता है सरकार घरेलु बाजार में दालों की कीमतों में बढ़ोतरी करे!
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