भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां की सर्वाधिक आबादी कृषि क्षेत्र में सक्रिय है. हमारे यहां विभिन्न प्रकार के फसलों के साथ औषधीय पौधों का भी उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है. एक सर्वे के मुताबिक, तकरीबन 65 फीसद किसान औषधीय पौधों की खेती में सक्रिय हैं. इन पौधों की खेती कर किसान भाई अच्छा मुनाफा अर्जित कर सकते हैं, मगर गुजरते वक्त के साथ अब बड़े पैमाने पर कई औषधीय पोधे विलुप्ति के कागार पर पहुंच चुके हैं. किसानों का इन पौधों की खेती करने से मोह भंग हो रहा है. लिहाजा, अब वो इनसे तौबा करते दिख रहे हैं, लेकिन अगर समय रहते उचित कदम उठा लिए गए, तो इन औषधीय पौधों को विलुप्त होने से रोका जा सकता है. अब इसी कड़ी में सरकार ने औषधीय पौधों की खेती करने वाले किसानों को उत्साहित करने के लिए सरकार ने किसान भाइयों को 75 फीसद सब्सिडी देने का ऐलान किया है, ताकि किसान भाइयों का इस ओर रूझान बढ़ सके.
यहां हम आपको बताते चले कि वर्तमान में अश्वगंधा, गिलोय, भृंगराज, सतावर, पुदीना, मोगरा, तुलसी, घृतकुमारी, ब्राह्मी, शंखपुष्पी और गूलर जैसों औषधीय पौधों का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है. बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में जिस तरह से स्वास्थ्य समस्याओं में इजाफे होने के आसार जताए जा रहे हैं, उसे देखते हुए माना जा रहा है कि इन औषधीय पौधों के उत्पादन की वृद्धि करने में सरकार कुछ बड़ा कदम उठा सकती है.
किसानों की आय में इजाफा करने का लक्ष्य
इसके साथ ही सरकार किसानों द्वारा औषधीय फसलों से होने वाली आय को बढ़ाने पर विचार कर रही है, ताकि किसानों का रूझान इस ओर बढ़ सके. आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि किसान महज खाद्द फसलों के उत्पादन में ही रूची लेते हैं, लेकिन अब सरकार की इस पहल से किसानों के रूझान में परिवर्तन होने की संभावना जताई जा रही है, जिसके बाद औषधीय फसलों क उत्पादन में वृद्धि होने की पूरी उम्मीद है, ताकि आने वाले दिनों में इसका विभिन्न प्रकार के औषधि निर्माण में इस्तेमाल हो सके.
इस दिशा में सरकार ने किसानों की सहायता के लिए औषधीय पौधों की 140 किस्मों की सूची तैयार की है. इस दिशा में किसानों को सब्सिडी देने का भी प्रावधान है. औषधीय पौधों के उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में सरकार की तरफ से 4 हजार करोड़ रूपए सब्सिडी देने का ऐलान किया गया है. इससे किसानों को 5 हजार रूपए की आय होने की संभावना व्यक्त की गई है.
आगामी दिनों में होगी भारी मांग
बता दें कि वर्तमान में जिस तरह के हालात बने हुए हैं, उसे देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में दवाइयों की मांग में इजाफा होगा, जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार औषधीय फसलों के उत्पादन करने के लिए किसानों को प्रतोसाहित कर रही है.
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