बढ़ती हुई बीमारियों एवं दवाओं की मांग को देखते हुए हिमाचल सरकार भांग की खेती को मंजूरी देने लिए तैयार हो गयी है. जी हां, इस बारे में सरकार ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है और जल्द ही राज्य कर एवं आबकारी महकमा द्वारा बातचीत के बाद इस पर मुहर लगाया जा सकता है. इस बारें में सरकार ने कहा है कि भांग का प्रयोग कई तरह की जीवन रक्षक दवाओं और अन्य तरह के उपचारों में होता है, इसलिए इसकी खेती को कानूनी करने पर विचार किया जा रहा है.
चुनाव बाद हो सकता है फैसला
सरकार भले भांग की खेती को परमीट देने का मन बना रही है, लेकिन इसके उपयोग को लेकर फिलहाल विचार कर रही है. जानकारी के मुताबिक भांग का उपयोग निर्धारित उत्पादों के लिए किया जाए, इसलिए सरकार कई तरह के सख्त प्रावधान लाने का विचार कर रही है.
हिमाचल की भांग है खास
हिमाचल के भांग को अन्य भांगों की अपेक्षा विशेष माना कहा जाता है. माना जाता है कि इनका प्रयोग उच्च कोटी वाले जीवन रक्षक दवाओं में किया जा सकता है और ये कई तरह के कैंसर के उपचार में सहायक हो सकते हैं.
उत्ताराखंड सरकार दे चुकी है मंजूरी
इससे पहले उत्तराखंड की सरकार ने भांग को परमीट देते हुए उसकी खेती को कानून किया था. हालांकि खेती को मात्र कुछ विशेष उत्पादों के निर्माण के लिए ही मंजूरी मिली थी.
लोगों ने जताया विरोध
सरकार के इस फैसले पर लोगों ने विरोध जताया है. हालांकि लोग पूरी तरह से इस फैसले का विरोध नहीं कर रहे हैं एवं उपचार कारणों से इसको जरूरी मान रहे हैं. लेकिन उनका कहना है कि इसकी खेती असामाजिक तत्वों को बढ़ावा दे सकती है इसलिए सरकार को इसे कानून करने से पहले ये तय करना चाहिए कि इसका प्रयोग गलत तरह से ना हो.
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