सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना को लेकर आयी है, जिसके तहत किसानों और पशुपालकों को वर्मी कम्पोस्ट यूनिट निर्माण पर सरकार 50% तक की सब्सिडी की छूट प्रदान करेंगी और इस योजना के माध्यम से किसानों को विशेष लाभ होगा अभी तक किसान भाई महंगे रासायनिक खादों पर निर्भर थे, लेकिन वह सरकार की इस योजना की वित्तीय सहायता से कम लागत में अच्छी पैदावार पा सकेंगे और अपनी इनकम में भी इजाफा कर सकेंगे.
किसानों को क्या होगे फायदे?
सरकार ने यह कदम सिर्फ जैविक खेती को बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा को और बेहतर करने के लिए उठाया गया है. कृषि विभाग का यह मानना है कि इस योजना से किसानों को लंबे समय तक लाभ होगा वह आर्थिक रुप से मजबूत होगे.
वहीं वर्मी कम्पोस्ट यूनिट एक बार तैयार होने पर किसानों को कई वर्षों तक प्राकृतिक खाद उपलब्ध कराती रहती है और इसमें किसान भाइयों का अतिरिक्त खर्च भी बेहद कम आता है.
इस योजना में कितनी मिलेगी वित्तीय सहायता?
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सरकार का इस योजना की शुरुआत करने के पीछे यह लक्ष्य है कि हर राज्य के किसान जैविक खेती की ओर बढ़े और खेती करें. इसी उद्देश्य के साथ इस योजना का शुभ आरंभ किया गया है.
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वहीं किसान अगर ऑर्गेनिक खेती बढ़ाने के लिए वर्मी कम्पोस्ट यूनिट को अपनाते हैं, तो वह सरकार से इस योजना के तहत 10,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता पा सकते हैं.
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साथ ही किसानों को इस योजना का तभी बेहतर लाभ मिल सकेंगे जब उनके पास कृषि योग्य भूमि होगी.
कौन ले सकता है योजना का लाभ और कैसे करें अप्लाई?
गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना का लाभ वह किसान उठा सकते हैं, जिनके पास कम से कम तीन गोवंश उपलब्ध हों साथ ही वहीं, कृषि विभाग के अनुसार इससे गोवंश संरक्षण को भी मजबूती मिलेगी और साथ ही किसान भाई अपने खेतों में बड़ी आसानी से बड़ी ही कम लागत में जैविक खाद तैयार कर पाएंगे.
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इस योजना में अप्लाई करने के लिए किसान किसान साथी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन ही आवेदन कर सकते हैं.
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जिन किसान भाइयों के इस योजना में आवेदन करना है वह इन दस्तावेजों जिनमें- ई-साइन, जमाबंदी और पहचान प्रमाण जैसे आवश्यक दस्तावेज अपने साथ जरुर लेकर जाए.
कैसे लाभ देगा वर्मी कम्पोस्ट?
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किसान अगर वर्मी कम्पोस्ट को अपनाते है, तो वह खेती की लागत में कमी कर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.
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वर्मी कम्पोस्ट के इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि होगी.
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किसान भाई अगर वर्मी कम्पोस्ट पर ही निर्भर हो जाते हैं, तो वह फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार कर सकते हैं.
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वहीं इस वित्तीय सहायता से किसान बाजार में जैविक उत्पादों की ऊंची कीमत की खरीद से बच सकते हैं.
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जैविक खेती करने से किसानों के खेतों में लंबे समय तक पोषक तत्व उपलब्ध रहते हैं.
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