यह आए दिन सुनने में आता है कि किसानों का उत्पाद या उनकी फसल खराब हो जाती है. इसकी वजह हमेशा प्राकृतिक आपदा ही नहीं रहती, बल्कि फसल कटाई के बाद उत्पादन के लिए भण्डारण की सही व्यवस्था न मिल पाना भी एक वजह है. जी हां, किसान अपनी मेहनत से फसल का अच्छा उत्पादन तो कर लेते हैं लेकिन जब बात भण्डारण की आती है तो उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है. भंडारण व्यवस्था के लिए कोल्ड स्टोरेज (cold storage) की कमी होने से उनका उत्पाद खराब हो जाता है और उन्हें उसकी अच्छी कीमत भी नहीं मिल पाती है. इस समस्या का समाधान जल्द ही पूरी तरह से मिल जाएगा. सरकार इस पर जोर-शोर से काम कर रही है.
आपको बता दें कि खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने हाल ही में इस सम्बन्ध में एक ख़ास जानकारी दी है. उनके मुताबिक खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) ने देशभर में 298 एकीकृत कोल्ड चेन परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है. सरकार ने कोल्ड चेन ग्रिड (cold chain grid) की स्थापना की है. इसके साथ ही किसानों के लिए 37 मेगा फूड पार्क (mega food parks) भी खोले जाएंगे जहां वे अपने उत्पाद की सही कीमत पा सकें.
Ministry of Food Processing Industries (MoFPI) इस सम्बन्ध में काम कर रही हैं कि किसानों का उत्पादन खेत से स्टोरेज तक सही सलामत पहुंचें, बिना किसी तरह के नुकसान के जिससे उन्हें उसकी कीमत भी अच्छी मिले. MoFPI प्रधान मंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) के ज़रिए किसानों के उत्पादन को खेतों से उपभोग क्षेत्रों तक सीधे पहुंचाया जाएगा.
खाद्य प्रसंस्करण और संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा (Food processing and conservation will get a boost)
आपको बता दें कि MoFPI भारत में कोल्ड चेन के बुनियादी ढांचे के निर्माण पर फोकस कर रहा है. मेगा फूड पार्क और एकीकृत कोल्ड चेन के अलावा कृषि प्रसंस्करण समूहों के लिए 45 परियोजनाओं को मंजूरी भी दे दी गई है. इसके साथ ही 58 परियोजनाओं को पिछड़े और आगामी लिंकेज के निर्माण के लिए मंजूरी दे दी गई है. वहीं खाद्य प्रसंस्करण (food processing) और संरक्षण को बढ़ावा देने और उसका विस्तार करने के लिए 219 परियोजनाओं को भी देश में मंजूरी दी गई है.
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