कोरोना काल में लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों किसानों की हालत सबसे ज्यादा खराब हुई है. इसी के मद्देनजर अब मोदी सरकार प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए अभियान शुरू करने जा रही है. इस अभियान का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में प्रवासी मजदूरों की आजीविका के अवसर बढ़ाना भी रहेगा. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जून को 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' की शुरुआत करने जा रहे हैं. यह अभियान देश के 6 राज्यों के 116 जिलों में मिशन मोड में चलाया जाएगा, जो कि 125 दिनों तक चलेगा.
'गरीब कल्याण रोजगार अभियान'
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस अभियान से जुड़ी जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा दी गई उन्होंने कहा कि हम 125 दिनों के भीतर केंद्र सरकार की लगभग 25 योजनाओं को 116 जिलों तक पहुंचाएंगे. इन सभी योजनाओं को सरकार 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' के तहत साथ लाएगी. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि हम सभी योजनाओं को 125 दिनों के भीतर सेचुरेशन स्तर पर लेकर जाएंगे.
गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत दिया जाएगा काम
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 116 जिलों में रहने वाले उन सभी लोगों को जिन्हें काम की जरुरत है उन्हें गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत काम दिया जाएगा. इस योजना के लिए संभावित खर्च 50 हजार करोड़ आंका गया है. इसके पूर्व प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से यह जानकारी साझा की गई है. बता दें कि कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन ने देश की अर्थव्यवस्था के साथ ही आम आदमी और गरीब तबके की कमर तोड़कर रख दी है.
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कोरोना संकट से बिगड़े हालात
गौरतलब है बीते कुछ महीनों में विश्वभर की तस्वीर बदल गई है. कोरोना महामारी ने विश्व के साथ ही भारत में भी बड़े मुश्किल हालात उत्पन्न कर दिए हैं. कोरोना महामारी से दुनियाभर में लाखों लोगों की मौतें हो चुकी हैं, वहीं हमारे देश में भी मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. केंद्र सरकार ने इस संक्रमण से बचने के लिए लॉकडाउन किया था जो अब भी शर्तों के साथ दी गई छूट के साथ जारी है. लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा मुश्किल हालात प्रवासी मजदूरों के हुए, जो अपना घर बार छोड़कर रोजगार की वजह से अन्य राज्यों में बसे हुए थे.
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