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रासायनिक कीटनाशकों पर चल रही कार्रवाई के बीच 70,000 नकली यूरिया की बोरियां जब्त, कई भेजे गए जेल

केंद्र सरकार ने भारी तादाद में नकली यूरिया की बोरियां जब्त की हैं. औचक निरिक्षण के दौरान यह कार्रवाई हुई है. आइये जानें पूरा मामला.

मुकुल कुमार
70,000 नकली यूरिया की बोरियां जब्त
70,000 नकली यूरिया की बोरियां जब्त

अब तक रासायनिक कीटनाशकों पर चल रही कार्रवाई के बीच देश में भारी तादाद में नकली यूरिया की बोरियां भी पकड़ी गईं हैं. भारत सरकार के अंतर्गत रसायन और उर्वरक मंत्रालय के उर्वरक उड़न दस्ते (एफएफएस) ने 15 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 370 से अधिक औचक निरीक्षण किए. जिस दौरान करीब 70 हजार नकली यूरिया की बोरियां जब्त कर ली गईं. वहीं इस मामले में 30 एफआईआर भी दर्ज की गईं हैं.

नकली यूरिया का हुआ सैंपल टेस्ट

केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि मिक्सचर यूनिट्स, सिंगल सुपरफॉस्फेट (एसएसपी) यूनिट्स और एनपीके (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम) यूनिट्स का औचक निरिक्षण किया गया था. इस दौरान गुजरात, बिहार, केरल, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक से संदिग्ध यूरिया की 70,000 बोरियां जब्त की गई हैं और इनमें से 26,199 बोरियों को एफसीओ के दिशा-निर्देशों के अनुसार डिस्पोज्ड कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि दस्तावेजों व प्रक्रियाओं में पाई गई कई कमियों के कारण 112 मिश्रण निर्माताओं को डी अथराइज्ड कर दिया गया है. वहीं, अब तक 268 सैंपल टेस्ट किए गए हैं, जिनमें से 89 को पूरी तरह से घटिया घोषित किया गया है. इसके अलावा, 120 में नीम के तेल की मात्रा पाई गई है. बाकी सैंपल की रिपोर्ट अभी तक सामने नहीं आई है.

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रियायत दर पर किसानों को मिल रहा यूरिया

यूरिया के डायवर्जन और कालाबाजारी के मामले में 11 लोगों को जेल भेजा गया है. मंडाविया ने आगे कहा कि दुनिया भर में मंदी के कारण उर्वरक संकट का सामना करना पड़ रहा है लेकिन इसके बावजूद भारत सरकार किसानों को उचित रियायती दरों पर यूरिया प्रदान कर रही है. 45 किलोग्राम यूरिया बैग की कीमत लगभग 2,500 होती है लेकिन इसे 266 रुपये में बेचा जा रहा है.

इन कामों में भी यूरिया का होता है इस्तेमाल

कृषि के अलावा, यूरिया का उपयोग यूएफ गोंद, प्लाईवुड, राल, क्रॉकरी, मोल्डिंग पाउडर, पशु चारा, डेयरी और औद्योगिक खनन विस्फोटक जैसे उद्योगों में किया जाता है.  वहीं, केवल कृषि के लिए रियायत दर पर दिए जाने वाले इस यूरिया को कई निजी सस्थाएं भी गैर कृषि कार्य के लिए करती हैं. जिसकी वजह से खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में किसानों को असली यूरिया नहीं मिल पाता है. ऐसे में मंत्रालय द्वारा फर्टिलाइजर फ्लाइंग स्क्वायड (एफएफएस) नाम की एक टीम बनाई गई है. जो देश भर में उर्वरकों के डायवर्जन, कालाबाजारी, जमाखोरी और घटिया गुणवत्ता वाली खाद को रोकने का काम कर रही है.

English Summary: Fertilizer Flying Squads seize 70,000 bags of suspected spurious urea Published on: 10 May 2023, 12:23 PM IST

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