देश में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले लोगों की बड़ी संख्या है. यही वजह है कि केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकार भी अपने अपने स्तर पर गरीब कल्याण योजनाएं चला रही है.
ऐसे उत्तर प्रदेश में गरीबों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए मुख्यमंत्री सहभागिता योजना चला रही है. इस योजना के अंतर्गत गरीबों को गाय पालन करने हेतु आर्थिक सुविधा मुहैया कराई जाती है. वहीं उसके चारा-दाने का खर्च भी सरकार ही उठाती है.
596 गरीबों को मिला लाभ
हाल ही 596 गरीबों को इसका लाभ मिला जो आर्थिक रूप से बेहद कमजोर थे. ख़बरों के अनुसार जो लोग बकरी खरीदने में भी सक्षम नहीं थे उन्हें मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत गोशाला से गाय पालन के लिए दी गई. वहीं इन गरीबों को सरकार गाय के चारे पानी के लिए 900 रुपए भी खाते में डालती है.
एक तरफ तो गाय पालन से इन गरीबों की दूध की पूर्ति भी हो रही वहीं बचे अतिरिक्त दूध को बेचकर आर्थिक रूप से भी मजबूत हो रहे हैं. इस योजना का लाभ उठाने वाले महेश कुमार का कहना है कि मैंने इस योजना के तहत सलेमाबाद गोशाला से गाय ली थी. जिस पर सरकार नौ सौ रुपये महीना गाय के चारे पानी का खर्च डाल रही है वहीं गाय प्रतिदिन 5 लीटर दूध दे रही है. जिसे बेचकर 150 रुपये प्रतिदिन की कमाई भी हो जाती है.
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गाय को छोड़ नहीं पाएंगे
इस योजना का कोई भी व्यक्ति लाभ उठा सकता है. सीवीओ डॉ आरके शर्मा ने बताया कि गोशाला में लगभग 39 सौ गाय और उनके बछड़े हैं. जिसे कोई व्यक्ति स्वेच्छा से ले जा सकता है. एक व्यक्ति 4 गाय और उनके बछड़े ले सकता है. पशुपालक को यह पशुपालन विभाग गाय की ईयर टैगिग करता है.ऐसा इसलिए किया जाता है कि जब गाय दूध न दे तब पशुपालक उसे छोड़ न सकें.
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