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खेती को लाभदायक एवं व्यवहार्यपूर्ण नहीं बनाया तो किसान खेती बंद कर देंगे : उपराष्ट्रपति

एशियाई जठरांत्र विज्ञान संस्थान एवं स्वर्ण भारत ट्रस्ट (एसबीटी) द्वारा हैदराबाद में एसबीटी के परिसर में आयोजित निःशुल्क चिकित्सा शिविर के उद्धघाटन के दौरान उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू चिकित्सकों के जीवनशैली बीमारियों द्वारा पैदा होने वाले खतरों पर लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने की अपील की और साथ ही स्वस्थ जीवन को आगे बढ़ाने वाली आवश्यकता पर जोर दिया है।

एशियाई जठरांत्र विज्ञान संस्थान एवं स्वर्ण भारत ट्रस्ट (एसबीटी) द्वारा हैदराबाद में एसबीटी के परिसर में आयोजित निःशुल्क चिकित्सा शिविर के उद्धघाटन के दौरान उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू चिकित्सकों के जीवनशैली बीमारियों द्वारा पैदा होने वाले खतरों पर लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने की अपील की और साथ ही स्वस्थ जीवन को आगे बढ़ाने वाली आवश्यकता पर जोर दिया है।

राष्ट्र को समृद्ध होने के लिए लोगों का स्वस्थ होना जरूरी

अपने सम्बोधन के दौरान उन्होंने कहा की अनिवार्य रूप से उनके स्वास्थ्य तथा कल्याण की दिशा में अधिक ध्यान देने को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए क्योंकि बचाव उपचार से बेहतर है। उन्होंने कहा की एक स्वस्थ राष्ट्र एक समृद्ध राष्ट्र बन सकता है लेकिन जरूरी नहीं कि एक समृद्ध राष्ट्र एक स्वस्थ राष्ट्र भी बने और उन्होंने कहा की अगर लोग स्वस्थ होंगे तो स्वाभाविक रूप से स्वास्थ्य देखभाल पर व्यय में कमी आ जाएगी।

आयुष्यमान योजना के तहत 5 लाख तक का बीमा

ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त चिकित्सा सेवाओं की कमी पर खेद जताते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में 5 करोड़ परिवारों को तथा शहरी क्षेत्रों में 2.5 करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराने के लिए आयुष्यमान योजना को चालू करने के लिए उन्होंने केंद्र सरकार की करने के लिए केंद्र सरकार की भी सराहना की। यह योजना के तहत हर साल, प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का बीमा उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने प्रति पांच हजार की आबादी के लिए एक प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र स्थापित करने तथा उनकी संख्या को डेढ़ लाख तक बढ़ाने की योजना के लिए भी सरकार को बधाई दी।

खेती छोड़ दिए जाने का भी खतरा है

बाद में “रायथु नेस्थम” पुरस्कार वितर करने के बाद उन्होंने कहा की अगर खेती को लाभदायक एवं व्यावहार्य नहीं बनाया गया तो किसानों द्वारा खेती छोड़ दिए जाने का भी खतरा है। उन्होंने कहा कि केवल उत्पादकता बढ़ाने पर ही नहीं, इनपुट लागत को भी कम करना चाहिए। उर्वरकों, कीटनाशकों, बिजली एवं जल के अंधाधुंध उपयोग पर भी अंकुश लगाए जाने की आवश्यकता है।

जागरूकता पैदा करने वाली आवश्यकताओ पर भी जोर

कृषि को लाभदायक बनाने पर राष्ट्रीय परामर्श के संचालन के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि वैज्ञानिकों को अनिवार्य रूप से यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अनुसंधान के परिणाम (प्रयोगशाला से भूमि तक) सीधे किसानों तक पहुंचे।उपराष्ट्रपति ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए कार्यकलापों की ओर विविधीकृत करने के लिए किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने वाली आवश्यकताओ  पर भी जोर दिया बल दिया। उन्होंने कहा कि एक अध्ययन से यह भी दिखता है कि ऐसे किसानों ने आत्महत्या नहीं की है जिन्होंने कुक्कुट पालन, दुग्ध पालन एवं मछली पालन जैसी संबद्ध गतिविधियों की ओर विविधीकृत किया था।

फसलों के लिए एमएसपी बढ़ाने तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड तथा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जैसी किसान हितैषी योजनाओं को आरंभ करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति ने निजी क्षेत्र से भी कृषि में निवेश बढ़ाने की अपील की। इसी प्रकार संसद, प्रेस एवं नीति आयोग को भी कृषि को शीर्ष प्राथमिकता देनी चाहिए।उपराष्ट्रपति ने कहा कि वैज्ञानिकों, कृषि अनुसंधान केन्द्रों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों को अनिवार्य रूप से कृषि को टिकाऊ तथा लाभदायक बनाने के लिए ठोस प्रयास करने चाहिए।

प्रभाकर मिश्रा, कृषि जागरण

English Summary: Farmers will not stop cultivating cultivation if they do not make farming profitable and viable: Vice President Published on: 08 October 2018, 04:34 AM IST

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