पारंपरिक खेती में बदलाव लाने के लिए सर्वे कर रहा है कृषि विभाग
झारखंड के सरायकेला जिले में मुख्यतः धान की खेती पर निर्भर रहने वाले किसान आने वाले दिनों में अन्य फसलों की भी खेती करेंगे. सरायकेला में किसानों की फसल की गुणवत्ता और उत्पादकता में इजाफा होगा. जिले में कृषि योग्य भूमि और उसमें किस फसल की खेती करने की उपयोगिता है, इसकी जानकारी से अनजान कृषि विभाग लाख प्रयास के बाद जिले के पारंपरिक खेती में आमूल-चूल परिवर्तन कर आधुनिक खेती की ओर नहीं ले जा सका है.
ऐसे में विभाग अब खेती में बदलाव करने के लिए किसानों और उनके खेतों से जुड़ी संपूर्ण जानकारी एकत्रित करने के कार्य में जुटी है. ग्राम विकास योजना के तहत किसानों की आय दोगुना करने के उद्देश्य से ये प्रयास चल रहा है.
इस बावत जिले के सभी प्रखंडों में व्यापक सर्वे का काम चल रहा है जिसमें किसानों के आधार नंबर और एकाउंट नंबर लेने के साथ कृषि योग्य भूमि, परती भूमि, सिंचित भूमि, असिंचित भूमि, सिंचाई की सुविधा, किस खेत में किस फसल की अधिक खेती होती है जैसी कई प्रकार की जानकारियों का डाटा एकत्रित किया जा रहा है.
इस बारे में जानकारी देते हुए जिला कृषि पदाधिकारी रामचंद्र ने कहा कि किसानों के डाटाबेस तैयार होने से कृषि विभाग के साथ किसानों को भी काफी फायदा होगा. किस गांव में कृषि यंत्र, सिंचाई सुविधा, बीज, उर्वरक आदि चीजों की कितनी आवश्यकता है और कैसे बहुफसली खेती कर किसानों को ज्यादा फायदा होगा इस ओर रणनीति बनाने में सहुलियत होगी.
इससे कृषि विभाग को अपनी नीति बनाने में तो फायदा मिलेगा ही किसानों को भी सही फसल का चुनाव कर ज्यादा उत्पादकता प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी जिससे उन्हें काफी आर्थिक लाभ मिलेगा.
साभारः न्यूज 18
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