किसानों के लिए गन्ने की खेती (Cane Cultivation) कम समय में ज्यादा मुनाफा देती है, लेकिन कभी-कभी किसान गन्ने की खेती (Sugarcane Farming) कर इसलिए परेशान हो जाते हैं, क्योंकि उनकी फसल बाजार में बिक नहीं पाती है, लेकिन अब गन्ने की खेती करने वाले किसान भाईयों के लिए एक खुशखबरी सामने आई है. अब किसानों को अपने गन्ने के बिकने की टेंशन लेने की जरूरत नहीं है.
अब चीनी मिलें खरीदेंगी पूरा गन्ना(Now sugar mills will buy whole sugarcane)
दरअसल, अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में किसानों(farmers) से चीनी मिलें (Sugar Mills) उनके बेसिक कोटे से ज्यादा यानी की पूरा गन्ना खरीदेंगी. इसके मद्देनजर गन्ना विभाग (Sugarcane Department) 15 अप्रैल के बाद खेतों में खड़े गन्ने का सर्वे कराकर चीनी मिलों में आपूर्ति कराएगा. ऐसे में ये जाहिर है कि अब किसानों को सस्ते दामों में ही हजारों की मात्रा में अपने गन्ने को कोल्हू-क्रेशरों पर लुटाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा.
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गन्ना विभाग ने दिया आदेश (Sugarcane department ordered)
गन्ना आयुक्त संजय आर भूस रेड्डी ने किसानों के अतिरिक्त गन्ना सट्टा करने का निर्देश दिया है. इसको लेकर जिला गन्ना अधिकारी डा. अनिल कुमार भारती ने बताया कि 15 अप्रैल के बाद जब चीनी मिलों में गन्ना पेराई का 10वां सप्ताह खत्म हो जायेगा.
तब सुपरवाइजरों से खेतों में खड़े गन्ने का सर्वेक्षण कराएंगे. इसके तहत जिस किसान के पास बेसिक कोटे से ज्यादा गन्ना होगा उसे चीनी मिलों में खरीद कराने के लिए अतिरिक्त सट्टा कराएंगे. आपको बता दें कि किसानों को अतिरिक्त गन्ना सट्टा कराने के लिए शुल्क नहीं चुकाना होगा. ऐसे में इससे उन हजारों किसानों को फायदा पहुंचेगा, जिनका चीनी मिलों में बेसिक कोटा कम है, लेकिन खेतों में गन्ने की संख्या ज्यादा है. इसके तहत किसान गन्ना भुगतान के बदले हर महिने एक कुंतल चीनी ले सकते हैं.
गन्ने की कुल उत्पादन कितना हैं?( What is the total production of sugarcane?)
बता दें कि उत्तर प्रदेश में गन्ने की कुल उत्पादन क्षमता 7 करोड़ कुंतल है. वहीं, राज्य के बागपत के 1 लाख 24 हजार किसानों के 4 करोड़ कुंतल गन्ना राज्य के 5 जिलों की 12 मिलों में जाता हैं.
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