पटना : राज्य सरकार जैविक सब्जी की खेती करने वाले किसानों को खेती के पहले ही अनुदान देगी. पायलट प्रोजेक्ट के तहत पटना, समस्तीपुर, वैशाली और नालंदा जिले से इसकी शुरुआत की जायेगी.
पहले चरण में इसके लिए 20 हजार किसानों का चयन किया गया है. कृषि विभाग इसको लेकर तैयारी कर रहा है. विभाग की तैयारी है कि मुख्यमंत्री की चल रही विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान ही समस्तीपुर से इसकी शुरुआत हो जाये.
राज्य का तीसरा कृषि रोडमैप जारी करते समय राष्ट्रपति जैविक सब्जी खेती के लिए इनपुट अनुदान की कार्ययोजना का शुभारंभ कर चुके हैं.
- कीमत अधिक होने से किसानों की आमदनी बढ़ेगी.
- गुणवत्ता अन्य सब्जियों से बेहतर होगी.
- खेती की लागत भी कम होगी.
- मानव व पशु दोनों के लिए स्वास्थ्यवर्धक है.
- पर्यावरण के लिए भी अनुकुल.
- मिट्टी की दशा में भी सुधार होगा.
इनपुट अनुदान के तहत किसानों को 6000 रुपये मिलेंगे. इससे किसान जैविक खाद, बीज व खेती के लिए जरूरी अन्य चीजें खरीद सकेंगे. राशि किसानों के अकाउंट में भेजी जायेगी.
विभाग ने इस योजना के तहत यह भी व्यवस्था कर रखी है कि अगर किसान तीन माह के भीतर अनुदान की राशि का उपयोग नहीं करेंगे तो फिर वह कृषि विभाग के खाते में वापस हो जायेगा. किसानों को क्रेडिट कार्ड मिलेंगे. किसान कार्ड लेकर विभाग से मान्यता प्राप्त दुकान पर जायेंगे और वहां से खरीदारी कर सकेंगे. पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसे अभी चार जिलों में शुरू किया जा रहा है. इसके बाद इसे पूरे राज्य में लागू किया जायेगा.
अभी तो इनपुट अनुदान जैविक सब्जी की खेती करने वाले किसानों को ही मिलेगा लेकिन कृषि विभाग इसके विस्तार की भी योजना बना रहा है. मालूम हो कि तीसरे कृषि रोडमैप में जैविक खेती पर जोर दिया गया है. पटना से भागलपुर तक गंगा किनारे के गांवों और पटना से नालंदा के बीच एनएच किनारे के गांवों में कृषि विभाग जैविक कॉरिडोर के रूप में विकसित कर रहा है.
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