जैसे कि आप सब लोग जानते हैं, बीज से ही फसल तैयार होती है, इसलिए बीज फसलों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए भी फसलों के अच्छे किस्म के बीजों की जरूरत पड़ती है. आपको बता दें कि पूरी दुनिया के किसानों को बीजों के महत्व को समझाने व जागरूक करने के लिए हर साल 26 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय बीज दिवस (international seed day) मनाया जाता है.
यह भी कहा जाता है, कि इस दिन को पेटेंट मुक्त बीज, जैविक खाद्य और किसानों के अधिकारों के लिए मनाया जाता है. इसी संदर्भ में कृषि जागरण द्वारा अंतर्राष्ट्रीय बीज दिवस 2022 पर एक खास वेबिनार का आयोजन किया. इस वेबिनार में कई विशेषज्ञ में शामिल हुए. जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय बीज दिवस 2022 (Interstate Seed Day 2022) को लेकर अपने-अपने विचार व्यक्त किए.
अंतर्राष्ट्रीय बीज दिवस 2022 वेबिनार में कहीं बातें
आपको बता दें कि कृषि जागरण के मंच पर स्पीकर्स ने बीजों पर किसानों के मुद्दों पर चर्चा की. सर्वप्रथम डॉ. ए.के. सिंह, सहायक निदेशक, राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास फाउंडेशन ने कृषि जागरण के प्लेटफार्म से अंतरराष्ट्रीय बीज दिवस 2022 (Interstate Seed Day 2022) वेबिनार में कहा कि देश के सभी किसान भाई ऐसे बीजों का चयन करें. जिसका आप अधिक से अधिक इस्तेमाल कर सके. उन्हें आप अपने प्रशिक्षण से ऐसा बनाएं, जिससे आपको अपनी फसल से अच्छा लाभ प्राप्त हो सके. उन्होंने यह भी कहा कि आज भी हमारे देश में बीजों की अच्छी गुणवत्ता मौजूद नहीं है. बावजूद इसके कि आज भारत पूरी दुनिया में 5 वें स्थान पर बीजों का निर्यात करता है. इसके अलावा इन्होंने यह भी कहा कि हमारे देश में कई बीज कंपनियां भी है. अंत में डॉ. ए.के. सिंह ने किसानों को सुझाव देते हुए कहा कि अगर बीजों की गुणवत्ता अच्छी होगी, तो किसानों की फसल भी अच्छी होगी.
इसके बाद डॉ. नरेंद्र कुमार, मुख्य उद्यान अधिकारी, नैनीताल, उद्यान एवं खाद्य विभाग प्रसंस्करण, उत्तराखंड सरकार ने भी बीजों पर जोर डालते हुए, उन्होंने कहा कि हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है. किसानों के लिए बीज उनकी फसल का मुख्य आधार होती है. अगर किसानों के पास अच्छी किस्म के बीज होते हैं, तो वह अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं. साथ ही इन्होंने यह भी कहा कि किसानो को बीज अभी सबसे अधिक प्राइवेट सेक्टर से ही प्राप्त हो रहे हैं, जो हमारे देश की सबसे बड़ी कमी है. इसी कारण से खेती से जुड़े मामलों को किसान कई परेशानियों को देखता है. इसके अलावा इन्हें देश के परंपरागत बीजों को ही किसानों के लिए बढ़िया कहा है. इसलिए हमारे देश के किसान भाइयों को परंपरागत बीजों की तरफ सबसे अधिक ध्यान देना है. परंपरागत बीज किसानों की आमदनी बढ़ाने में बेहद मददगार साबित होते है. इसके अलावा उन्होंने को नई तकनीकों का भी इस्तेमाल करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया.
इसके बाद रमनभाई हरिभाई पटेल, प्रगतिशील किसान, आनंद गुजराती ने भी अपने विचारों को व्यक्त किया. जिसमें उन्होंने हाइब्रिड बीजों (Hybrid seeds) को किसानों के लिए उत्तम बताया. इनका कहना है. कि यह सभी किसानों को हाइब्रिड बीजों का निर्यात करते हैं.
महेश सिंह रावत, ग्वालियर, मध्य प्रदेश ने भी किसानों को बीज दिवस के उपलक्ष्य में अपने विचारों से किसानों को कहा कि सालों से चली आ रही पुराने तरीकों से खेती को बंद कर इसे नए तरीकों से फिर से शुरू करना चाहिए. किसानों को अपने खेत में नए और उन्नत किस्म के बीजों का उपयोग करना चाहिए. जिससे उन्हें अपनी फसल से अधिक लाभ प्राप्त हो सके.
शार्दुल शंकर, पोस्ट हार्वेस्ट स्पेशलिस्ट, बागवानी विभाग, हरियाणा, अबुसमद शेख, प्रगतिशील किसान, बीरभूम पश्चिम बंगाल और भगवान पाटिल, प्रगतिशील किसान, औरंगाबाद महाराष्ट्र से अंतरराष्ट्रीय बीज दिवस पर किसानों को नए व पुराने बीजों से बारे में बताया. जिससे किसान अच्छी किस्म के बीजों का इस्तेमाल करके फसल से अधिक पैदावार प्राप्त कर सके. साथ ही सभी स्पीकर्स ने कृषि जागरण को धन्यवाद भी दिया. इस वेबिनार का हिस्सा बनाने के लिए.
कृषि जागरण के अंतरराष्ट्रीय बीज दिवस 2022 (Interstate Seed Day 2022) के इस वेबिनार में कई तरह की चर्चा की गई, जिससे किसानों को अधिक लाभ मिलेगा. यदि आप हमारा यह पूरा वेबिनार देखना चाहते हैं, तो आप हमारे फेसबुक पेज पर जाकर चर्चा को विस्तार से देख सकते हैं.
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