कोरोना संकट के बीच मध्यप्रदेश के किसानों ने एक मिसाल पेश की है. उन्होंने जो किया है वह दिल को छू लेने वाला कार्य है. दरअसल, हमारे देश में अनाज का दान और भूखे को भोजन कराना सबसे बड़ा पुण्य माना गया है. आज भी किसान फसल आने पर उसका कुछ भाग गरीबों और धार्मिक कार्यों के लिए दान करते हैं. इसीलिए प्रदेश के किसान खरीदी केंद्रों पर अपनी उपज में से कुछ हिस्सा दान भी कर रहे हैं. अभी तक गरीबों के लिए यहां के 900 से अधिक किसानों ने 96 क्विंटल अनाज दान में दिया है. इसमें गेंहू और चावल दोनों ही शामिल हैं.
गेहूं खरीदी केंद्रों पर ही दान में मिले अनाज के भंडारण की व्यवस्था की गई है. पंचायत अपने स्तर पर गरीब, दिव्यांग और जरूरतमंदों को इस अन्नदान के भंडार से निःशुल्क अन्न वितरित करेगा. कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण उत्पन्न कठिन परिस्थितियों में गांवों में यदि किसी व्यक्ति पर आजीविका का संकट है तो उसे भी इस अन्न कोष से निःशुल्क अनाज दिया जा रहा है. प्रदेश के किसानों की यह मदद गरीब के लिए बहुत बड़ी मदद का सहारा बनी है.
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