सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इन दिनों कई तरह के प्रयास कर रही है. लॉकडाउन के दौरान किसानों को हुए नुकसान से उभारने के लिए उनको योजनाओं का लाभ देनी चाहती है. इस क्रम में झारखंड के गोड्डा जिले के किसानों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. सरकार द्वारा जिले के सैकड़ों किसानों को मतस्य पालन के जरिए आत्मनिर्भर बनाने पर काम किया जा जाएगा. किसानों को मत्स्य पालन करने के लिए 2 लाख रुपए का कृषि लोन मुहैया कराया जा रहा है. यह कदम बीते कुछ सालों में किसानों की मत्स्य पालन की ओर बढ़ती रुची को देखते हुए उठाया गया है. गोड्डा में उत्पादित मछलियों की बिहार के कुछ क्षेत्रों में मांग अच्छी है जिसकी वजह से किसानों को अच्छा लाभ मिल जाता है.
इस जिले में पहले भी किसानों को लाभ देने के लिए कई प्रकार की योजना तैयार की गई है. इससे पूर्व में जिले के कई डेयरी किसानों को कृषि लोन मुहैया करवा कर उन्हें लाभ दिलाया जा चुका है. मत्स्य पालन के लिए किसानों को दिये गए इस कृषि लोन पर उन्हें 7 फीसद तक ब्याज चुकाना होगा. वहीं अगर किसान सही समय पर इस लोन को चुका देते हैं तो उन्हें चार प्रतिशत तक सब्सिडी भी दी जा सकती है. किसानों को लोन लेने में ज्यादा परेशानियों का सामना न करना पड़े इसलिए इसकी प्रक्रिया को काफी आसान बनाया गया है.
लॉकडाउन में किसानों को मत्स्य पालन करने की अनुमति नहीं दी गई थी. उन्हें तालाबों में जाने पर मनाही की गई थी. इससे भी मछली पालकों को रोजगार में नुकसान हुआ था. कुछ दिन बाद सरकार ने मत्स्य पालकों को कई तरह लाभ देने की बात भी कही थी. वहीं इस लोन के लिए ऐसे किसान भी आवेदन कर सकेंगे जिन्होंने पहले से कृषि के लिए लोन लिया हुआ है और यह पैसा भी उनके उसी खाते में जाएगा. कृषि लोन पाने के लिए किसानों को अपने जिला अधिकारी को आवेदन देना होगा. वहीं इस लोन के लिए अभी कुल 77 लोगों को अनुमति दी गई है. बता दें कि इस कार्य के लिए स्थानीय बैंक का सहयोग भी आवश्यक है. इस जिले के किसान जो मतस्य पालन के लिए लोन लेना चाहते हैं वो ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटा कर इस लोन के माध्यम से लाभ कमा सकते हैं.
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