मध्यप्रदेश के मुरैना जिला में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से कहा कि रासायनिक खाद से उपज किया हुआ गेहूं 20 रुपए किलो बिकता है तो वही देशी खाद से उपज किया गया गेहूं का दाम 150 रुपए किलो तक मिल सकता है. ऐसे में किसान अच्छी पैदावार हेतु मिट्टी का परीक्षण कराएं और उसकी मांग के आधार पर खाद और कीटनाशकों का इस्तेमाल करें. इससे जहां कृषि लागत कम होगी. वही, किसानों की आय दो गुना करने का लक्ष्य हासिल करने में आसानी होगी. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि केंद्रीय कृषि मंत्री ने यह बात आंचलिक कृषि अनुसांधान केंद्र परिसर में कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा मंगलवार को आयोजित कृषक गोष्ठी व पौधरोपण कार्यक्रम में कही.
इस दौरान दिल्ली से पहुंचे इफको के प्रबंधन निदेशक डॉ.उदयशंकर अवस्थी ने कहा कि आज हम विश्व के तीसरे सबसे बड़े अनाज निर्यातक देश हैं. ऐसे में हमें यूरिया का उपयोग बंद कर जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए. यूरिया की ज्यादा इस्तेमाल से जमीन लाभकारी तत्व खत्म हो रहे हैं. इसके वजह से जमीन अपनी उर्वरता खोकर बंजरता की ओर बढ़ रही है. उन्होंने आगे कहा कि हमारी संस्था यूरिया बनाती है, इसके बावजूद यूरिया के उपयोग को खत्म करने पर जोर दे रही है.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह भी कहा कि खेती करने के बारे में जानकारी किसानों को बहुत आवश्यकता है. केविके एवं अन्य संस्थाएं किसानों को उन्नत तकनीक और तरीकों का प्रशिक्षण दें. जो पौधे किसानों को इस कार्यक्रम में दिए जा रहे हैं वे न केवल पर्यावरण को शुद्ध बनाने में मदद करेंगे बल्कि किसानों की आमदनी में भी भागीदार बनेंगे. खेती को शून्य बजट पर लाने के लिए केंद्र सरकार प्रयास कर रही है. किसान प्रदर्शनियों को भी देखें और उनसे जानकारी ले. तोमर ने मंच से चयनित 10 किसानों को पौधे भी बांटे और महिलाओं को भी हेल्थ किट भेंट की.
इफको बनाएगी ऑर्गेनिक खाद
इफको के प्रबंध निदेश डॉ अवस्थी ने कहा कि यूरिया का उपयोग खत्म करने के लिए संस्था एक नया खाद बना रही है. यह ऑर्गेनिक होगा, नैनो होगा और खेती के लिए पूर्ण लाभकारी होगा. किसानों को पर्याप्त मात्रा में यह उपलब्ध कराया जाएगा. डॉ. अवस्थी ने कहा कि हमारी संस्था बीजों पर की दिशा में भी काम कर रही है, लेकिन किसान खेत में बीज डालते समय उसका परीक्षण जरूर करें.
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