किसान अपनी सब्जियों को सीधे कंपनियों को बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। इससे सिर्फ 10 गुना बिक्री बढ़ गई है बल्कि आजादपुर मंडी से 20 प्रतिशत ज्यादा कीमत भी मिल रही है। इससे दिल्ली किसान मंडी प्रोजेक्ट से जुड़े किसान खुश हैं।
भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफएसी) द्वारा वर्ष 2014 से दिल्ली किसान मंडी प्रोजेक्ट संचालित किया जा रहा है। इसके द्वारा देशभर में 36 फार्मर प्रोड्यूसर आर्गनाइजेशन (एफपीओ) बनाए गए हैं। इनमें करीब 5 हजार किसान सदस्य हैं। इसमें से दो एफपीओ दिल्ली के बख्तावरपुर गांव और नजफगढ़ में रजिस्टर्ड हुए हैं।
नजफगढ़ का एपपीओ अभी शुरू नहीं हुआ है। वहीं, बख्तावरपुर गांव के एफपीओ का नाम दिल्ली कृषक भारती फार्मर प्रोड्यूसर है। इसमें आसपास के गांव के मिलाकर 11,00 सदस्य है। किसानों को प्रोजेक्ट के तहत उनके उत्पाद की मार्केटिंग के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जा रहा है। जहां 16 कंपनियां सीधे किसानों का उत्पाद खरीद रही है।
किसान कंपनियों की डिमांड पर सब्जियों का उत्पादन कर रहे है। हाल ही में बख्तावरपुर गांव के किसानों का जुबलेट कंपनी के साथ मशरूम की खरीदी को लेकर एमओयू हुआ है। इसमें किसान प्रतिदिन 400 किलो मशरूम कंपनी को सप्लाई कर रहे है। यहां से कंपनियों को सभी प्रकार की सब्जियां प्रतिदिन 4 हजार किलो सप्लाई रहे है। वहीं,दिल्ली किसान मंडी प्रोजेक्ट के तहत प्रतिदिन 20 हजार किलो सब्जी की खरीद-फरोख्त हो रही है। इसके तहत आलू और प्याज दूसरे राज्यों के एफपीओ से खरीदे रहे है। प्रोजेक्ट के तहत अक्टूबर 2017 तक 32347 मिट्रिक टन उत्पाद की खरीद-बिक्री की गई। इसके तहत करीब 35 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है।
किसानों अपने अपने उत्पाद को बेचने के लिए आजादपुर मंडी जाते थे। जहां उत्पाद को मनमाने दामों पर आढ़ती खरीदते थे। इसके बाद उनसे कमीशन एजेंट माल खरीद लेते थे। जिनसे कंपनियां उत्पाद खरीद लेते थे। ऐसे में किसानों को फायदा नहीं मिल पाता था। अब दिल्ली किसान मंडी प्रोजेक्ट के तहत किसानों को प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया गया। वहीं, उनकी अच्छी गुणवत्ता और छंटनी कर पैकिंग करने की ट्रेनिंग दी गई। अब कंपनियां सीधे किसान के खेतों से उत्पाद उठा रही है। वहीं, आढ़ती और कमीशन एजेंट हटने से किसानों को सीधे अच्छी कीमत मिल रही है।
इससेपहले सब्जियों को आजादपुर लेकर जाते थे। जहां औने-पौने दाम मिलते थे। दिल्ली किसान मंडी में किसानों को सीधे 20 प्रतिशत ज्यादा कीमत मिल रही है। यहीं नहीं उत्पाद को सीधे किसानों के खेतों से उठाया जा रहा है। जिससे उसे भाड़ा भी नहीं लग रहा है। मंडी में आढ़ती और कमीशन एजेंट से भी छुटकारा मिल गया। -सूरतसिंह, चेयरमैन, चेयरमैन, कृषक भारतीय फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी
बख्तावरपुरगांव के एफपीओ से सब्जियों की बिक्री 400 किलो से 4 हजार किलो प्रतिदिन हो गई है। वहीं, दिल्ली किसान मंडी से प्रतिदिन 20 हजार किलो सब्जियों की खरीदी-बिक्री हो रही है। हमारा टारगेट इसे 1 लाख किलो प्रतिदिन तक ले जाना है। इसके लिए हम देश में एफपीओ की संख्या बढ़ाई जा रही है। इसमें किसानों को सीधे फायदा मिल रहा है।
आशीष कुमार सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर,
दिल्ली किसान मंडी
साभार : भास्कर
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