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पानी से जूझते इलाके में तुलसी की खेती से लाभ कमा रहे किसान

औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी की खेती के बारे में आप लगातार पढ़ते रहते हैं। किसान भाइयों उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के किसानों ने तुलसी की खेती कर उसे विदेश में भेजकर एक नई इबारत लिखी है।

औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी की खेती के बारे में आप लगातार पढ़ते रहते हैं। किसान भाइयों उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के किसानों ने तुलसी की खेती कर उसे विदेश में भेजकर एक नई इबारत लिखी है। यहां शुरुआत में कुछ किसानों ने तुलसी की खेती शुरु की थी लेकिन आज के समय इसकी खेती का रकबा बढ़ गया। आप को बता दें कि यह जिला बुंदेलखंड के अन्तर्गत आता है जहां पानी की कमी है। इसके मद्देनज़र खेती का स्वरूप बदलने के लिए सिंचाई की नई पद्धतियां को अपनाने पर जोर रहता है।

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आज यहां तुलसी की खेती इस पैमाने पर बढ़ गई कि तुलसी को सीधे खेतों से उठाए जाने लगा है। संस्थाएं एवं आर्गेनिक इंडिया किसानों का उत्पाद उनके खेतों से ही उठाने लगे हैं। इस दौरान दुनिया के बड़े देशों में इसकी मांग बढ़ती जा रही है। तुलसी की पत्ती हजार रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रही है। इस बीच उद्दान विभाग कोशिश कर रहा है कि यदि तुलसी के तेल को एकत्र कर लिया जाए एवं दाम सही होने पर उसकी बिक्री की जाए तो किसानों को ज्यादा फायदा होगा । जो खेती कुछ सीमित किसानों ने शुरु की थी, उनकी सफलता के साथ आज अधिकांश किसान तुलसी की खेती कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि आय दोगुनी करने के दौर में किसानों को औषधीय एवं बागवानी पौधों की खेती करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस दौरान बुंदेलखंड के इस जिले में किसानों ने तुलसी की खेती कर एक नया उदाहरण पेश किया है। साथ ही उपज को एक अच्छा बाजार भी मिल रहा है। न केवल देश में बल्कि विदेशों में यहां की उगाई जा रही तुलसी खुश्बू बिखेर रही है।

सूचना : किसान भाइयों अगर आपको कृषि सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए, या आपके साथ कुछ गलत हुआ है, जिसे आप औरों के साथ साझा करना चाहते है तो कृषि जागरण फोरम में रजिस्टर करें.

जिले के उद्दान अधिकारी, बलदेव प्रसाद ने जानकारी दी कि इसके लिए विभाग किसानों की सहायता कर रहा है। जिससे कि किसानों में प्रतिस्पर्धा बढ़ सके। जिले में लगभग चार सौ एकड़ में तुलसी की खेती फैल चुकी है। जिले के पनवाड़ी ब्लाक के छह से सात गाँव तुलसी की खेती कर रहे हैं। यहां ऑर्गेनिक इंडिया नाम की कंपनी अपने बीज देती है। इस बीच किसानों को और अधिक खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उद्दान विभाग की ओर से सब्सिडी दी जा रही है। औषधीय फसलों की खेती के लिए विभाग प्रयासरत है। तुलसी पर लगभग 30 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। तुलसी के अतिरिक्त आज अश्वगंधा, कालमेघ, एलोवेरा की खेती शुरु हो गई है। खेत में छुट्टा जानवर भी औषधीय पौधों को नहीं खाते हैं जिससे किसानों को अच्छा फायदा मिल रहा है। कम पानी के कारण स्प्रिंकलर व ड्रिप सिंचाई पद्धतियों का उपयोग किया जा रहा है।

बलदेव कहते हैं कि यदि वास्तव में किसानों को पत्ती का सही मूल्य मिले तो किसानों को अधिक फायदा मिलेगा। तुलसी की पत्ती का मूल्य दो हजार तक जा सकता हैं। इससे किसान अधिक आमदनी हासिल कर सकेंगे।

English Summary: Farmers earning profit from Tulsi cultivation in water-related areas Published on: 18 May 2018, 05:47 AM IST

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