1. Home
  2. ख़बरें

सब्जी की खेती कर कई बेटों को मुकाम तक पहुंचाया

बिहार के गया जिले के इमामगंज में बड़े पैमाने पर हो रही सब्जियां की खेती से किसानों के जीवन काफी बदलाव आया है।सब्जी की खेती में भी तरह तरह की सब्जियों का उत्पादन कर कई किसान अपना और अपने परिवार को उस मुकाम तक ले जाते हैं। जहां हर पिता या परिवार के मुखिया की तमन्ना होती है। लगन और मेहनत कर कुंजेसर गांव के किसान अपने बेटों को उस मुकाम पर भेजने में सफल रहे।

बिहार के गया जिले के इमामगंज में बड़े पैमाने पर हो रही सब्जियां की खेती से किसानों के जीवन काफी बदलाव आया है।सब्जी की खेती में भी तरह तरह की सब्जियों का उत्पादन कर कई किसान अपना और अपने परिवार को उस मुकाम तक ले जाते हैं। जहां हर पिता या परिवार के मुखिया की तमन्ना होती है। लगन और मेहनत कर कुंजेसर गांव के किसान अपने बेटों को उस मुकाम पर भेजने में सफल रहे। जहां पहुंचने पर उनका सीना गर्व से ऊंचा हो गया है। हम बात कर रहे हैं एक ऐसे किसानों की। जो सब्जी की खेती कर अपने एक बेटे को शिक्षक तो दूसरे को देश की रक्षा के लिए सेना में भेज दिया। वहीं एक अन्य किसान का एक पुत्र बैंक मैनेजर है। तो दूसरा बैंक में कार्मिक अधिकारी (पीओ) है। ये दोनों नक्सल प्रभावित इमामगंज प्रखंड के कुंजेसर गांव निवासी हैं। जिन्होंने सब्जी की खेती करते हुए अपने बेटों को केवल अच्छी ही शिक्षा नहीं दी। बल्कि समाज को एक शिक्षक दिया। देश को सेना। देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ रखने के लिए बैंक अधिकारी बनाया।
70 घरों के किसान करते खेती
100 घरों की बस्ती है कुंजेसर। यहां 70 घरों के लोग वैज्ञानिक तरीके से सब्जी की खेती करते व कराते हैं। इनके खेतों पर उपजी सब्जियों को बेचकर यहां के किसान अपने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण व रोजगारपरक शिक्षा दिलाने में जी जान से जुटे हैं। इनकी सोच है कि बच्चे पढ़ लिखकर ऊंचे ओहदे पर पहुंचकर किसान का नाम रोशन करें। 
प्रतिदिन बेची जाती 20 क्विंटल सब्जी 
अरूण प्रसाद, विपिन प्रसाद, वीरेन्द्र प्रसाद, जर्नादन भारती, विपुणदेव प्रसाद, संतोप प्रसाद आदि किसान करीब 16 एकड़ भूमि पर भिंडी, खीरा, टमाटर, करैला, तारबूज आदि सब्जी लगाए हुए हैं। इनके खेतों से उपज रही इन सब्जियों में प्रतिदिन तीन क्विंटल भिंडी, इतना ही खीरा, 10 क्विंटल टमाटर, दो क्विंटल करैला, इतना ही ककड़ी आदि किसानों बिक्री करते हैं। 
झारखंड तक जाती हैं सब्जियां 
इस गांव में उपजाई जा रही सब्जियां केवल इमामगंज या रानीगंज के बाजारों में नहीं भेजी जाती है। बल्कि पड़ोसी राज्य झारखंड के प्रतापपुर चक, टंडवा आदि सब्जी मंडियों में भी सब्जियां यहां से व्यापारी आकर ले जाते हैं। या फिर उनकी मांग के अनुरूप भेज दी जाती है। 
यहां भी होती अच्छी पैदावार
कुंजेसर गांव के अलावा पास के रौंसा, भगहर, परसीया, सोहया आदि गांवों में भी सालों भर सब्जी उपजाए जाते हैं। यहां की उपजने वाली सिब्जयां झारखंड की राजधानी रांची, पश्चिम बंगाल, झरिया, धनबाद आदि शहरों में बिक्र ी के लिए मालवाहक वाहन यात्री बसों से प्रतिदिन भेजी जाती है।
English Summary: Farmers cultivate several seeds to reach the peak Published on: 28 August 2017, 12:20 AM IST

Like this article?

Hey! I am . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News