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क्या ये हैं किसानों के अच्छे दिन...

2014 लोकसभा चुनाव के दौरान किसानों से 4 साल के अंदर उनकी आय दोगुना करने का वादा किया गया था। लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही हालात बयान कर रही है। टमाटर उत्पादन करने वाले किसान हो या फिर लहसुन उपजाने वाले या फिर प्य़ाज उगाने वाले किसानों की बात करे हर कोई परेशान है।

2014 लोकसभा चुनाव के दौरान किसानों  से 4 साल के अंदर उनकी आय दोगुना करने का वादा किया गया था। लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही हालात बयान कर रही है। टमाटर उत्पादन करने वाले किसान हो या फिर लहसुन उपजाने वाले या फिर प्य़ाज उगाने वाले किसानों की बात करे हर कोई परेशान है। सरकारें आती रही और जाती रही लेकिन 70 साल आज़ादी के बाद भी किसानों का उस प्रकार से विकास नही हुआ जैसा होना चाहिए था। हालत यह है टमाटर,लहसुन सड़क किनारे जानवरो को खाने के लिए फेका जा रहा है।

खेतों मे पड़े-पड़े बर्बाद हो रही किसान की फसलें

किसानों का कहना है जब से भारत-पाकिस्तान के रिश्ते खराब हुए है। उनके व्यापार पर असर हुआ है। जब देश में फसल ज्यादा होती थी तो टमाटर पाकिस्तान जाता था। लेकिन पाकिस्तान बार्डर सीज है। और देश में टमाटर की फसल इतनी हुई है की कोई खरीददार नही है। पिछले साल लोगो ने टमाटर की फसले कम लगाई थी इसलिए उसके अच्छे दाम मिले थे इस बार स्थिति विपरीत है। जिसके चलते खरीददार नहीं मिल रहे है।

लहसुन ने भी आंखो से पानी निकाल दिया है

राजस्थान के कोटा लहसुन की पैदावार के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। यहां पर पूरे हडौती का किसान लहसुन लेकर आता है। लेकिन इस बार किसान को अच्छा दाम नही मिल रहा इस साल  8-9 लाख मीट्रिक टन लहसुन का उत्पादन हुआ है। जिसमें से 1,54,000 मीट्रिक टन बाज़ार हस्तक्षेप परियोजना के तहत लहसुन खरीदने का उद्देशय था। जिसकी कीमत 3.257 प्रति क्विंटल रखी गई लेकिन इसके लिए सरकार ने कुछ मापदंड तय किये जैसे लहसुन की मोटाई 25 एम.एम से अधिक होनी चाहिए लहसुन पीला नहीं गठीला होना चाहिए। इसके साथ ही किसान को ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन,गिरदावरी  रिपोर्ट,पासबुक,आधार कार्ड की अनिवार्याता रखी गई है। एसे में कई किसान इन मापदंडो को जब पूरा नहीं कर पाते तो उन्हे मज़बूरन बाज़ार में 3-4 किलो प्रति किलो के भाव से लहसुन बेचना पड़ता है।

प्याज भी रुलाने में पीछे नही है

केंद्र सरकार द्वारा प्याज की खरीद पर मापदंडो को निर्धारित करने से किसान नाखुश  है। उनका कहना है। 35एमएम की लंबाई पर किसानो में आक्रोश है उन्होने कहा प्याज खेत में उगता है। फैक्टरी में नही जिससे इसकी लंबाई और चौड़ाई पे नियंत्रण रखा जा सके।किसानों ने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग रखी है।

English Summary: farmers condition Published on: 09 May 2018, 12:06 AM IST

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