किसानों की आय बढ़ाने के लिए केवीके कई तरह के कदम उठा रह है. अब इसी क्रम में उसने वनराजा प्रजाति की मुर्गियों की क्रॉस ब्रीड तैयार की है. इसे देशी और विदेशी नस्ल की क्रॉस ब्रीड के सहारे बनाया गया है. माना जा रहा है कि इस प्रजाती का उपयोग अंडों के साथ-साथ मांस के लिए भी किया जाएगा.
मुर्गे की कड़कनाथ प्रजाति के बाद अब इसे किसानों की आय बढ़ाने में सबसे कारगर समझा जा रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र भी वनराजा प्रजाति को पालने के लिए किसानों को प्रेरित कर रही है. केवीके की आर्या परियोजना के तहत किसानों को वनराज के चूजे दिए जा रहे हैं.
खबरें के मुताबिक ऋषिकेश स्थित सरकारी पॉल्ट्री फार्म से इस प्रजाति के चूजे मंगवाए गए हैं. मुर्गीपालन के लिए चूजों को देने के साथ ही केविके किसानों को पूर्व पॉल्ट्री आवास, फीडिंग और उनके स्वास्थ्य प्रबंधन का भी प्रशिक्षण देगा. देशी प्रजाति की नस्ल से विकसित होने वाला यह चूजा अंडा देने की क्षमता में तुलनात्मक रूप से अधिक फायदेमंह है. उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही इसकी मांग विदेशों में भी होगी.
इस प्रजाति की मुर्गियां बहुरंगी पंखों वाली और सुंदर होती है. हालांकि देखने में वो बहुत हद तक देशी मुर्गी जैसी ही दिखाई देती है.
क्रॉस ब्रिड है वनराजा (Cross Breed Vanraja)
यह प्रजाति प्रजाति एक वर्ष में 260 से अधिक अंडे देने में सक्षम है, जबकि इसके चूजों का वजन चार महीनों में ही तीन किलो तक का हो सकता है.
सेहत के लिए लाभकारी (Beneficial for health)
वनराज का सेवन ब्लड प्रेशर को करने में सहायक है. इसके साथ ही वो प्रोटीन, विटामिन और मिनरल से भरपूर है. हड्डियों और दांतों को वो कैल्शियम की कमी से दूर रखता है. इसका हड्डी युक्त सेवन कैल्शियम की पूर्ति करता है शरीर को मजबूती प्रदान करता है.
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