उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ग्रामीण किसान युवाओं में बढ़ती नशाखोरी और क्षणिक सरल लाभ के लिए कानून के उल्लंघन की प्रवृत्ति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए आगाह किया कि कानून के साथ खिलवाड़ करना न सिर्फ उनके लिए महंगा पड़ेगा बल्कि ग्रामीण किसान समुदाय को भी बदनाम करेगा. उन्होंने कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं होता, देर सवेर कानून का शिकंजा अवश्य कसेगा. उपराष्ट्रपति ने रविवार को नागौर के मेड़ता सिटी में स्वर्गीय नाथूराम मिर्धा की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर संबोधित करते हुए ये बाते कही.
यह देश मूल रूप से किसानों का देश है।
— Vice President of India (@VPIndia) May 14, 2023
यदि हमारी अर्थव्यवस्था का डंका दुनिया में बज रहा है, तो किसान के परिश्रम और पसीने की वजह से बज रहा है, और हमारा किसान बदल रहा है। pic.twitter.com/Z7t0y6acf0
कृषि आयोग के अध्यक्ष के रूप में नाथूराम मिर्धा के योगदान को याद करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने सर छोटूराम, किसान केसरी बलदेव मिर्धा और चौधरी चरण सिंह के सपनों को साकार करने का कार्य किया. इस अवसर की तुलना उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेने के अवसर से की. उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे नाथूराम मिर्धा के स्वप्न को पूरा करने का हरसंभव प्रयास करेंगे.
हमें कोशिश करनी चाहिए कि कृषि के मामले में & ग्रामीण विकास के मामले में हम देश और दुनिया को रास्ता दिखाएं।
— Vice President of India (@VPIndia) May 14, 2023
मैं चाहूंगा कि हमारे बच्चे गलत मामलों में न पड़ें, बल्कि प्रगति के रास्ते पर चलें, सकारात्मक रूप से आगे बढ़ें और देश-समाज के कल्याण की सोचें। pic.twitter.com/bOBtv2nAtJ
उन्होंने कहा कि किसान कौम के लिए आरक्षण की लड़ाई कठिन थी जिसमें स्वयं उनका भी योगदान रहा लेकिन आज उसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कृषि, ग्रामीण विकास और सरकारी योजनाओं का लाभ किसानों का अधिकार है. धनखड़ ने किसान युवाओं से कृषि और ग्रामीण विकास के मार्ग पर चलने का आह्वाहन किया. कुछ वर्गों द्वारा पुराने ट्रैक्टरों को हटाए जाने का विरोध किए जाने का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसानों ने सदैव परिवर्तन को आगे बढ़ कर अपनाया है. हमें चाहिए कि आज दुनिया में जो हो रहा है हम उससे भी आगे बढ़ें.
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