आज विश्व बांस दिवस (World Bamboo Day) मनाया जा रहा है. किसान और आम आदमी के जीवन में बांस एक उपयोगी वृक्ष है. इसकी खेती से किसानों की आमदनी दोगुनी होती है, साथ ही पूरे जीवन काल में इसकी आवश्यकता पड़ती है. यही कारण है कि अब किसान इसके उत्पादन पर सबसे ज्यादा जोर दे रहे हैं.
बांस की खेती
बांस की रोपाई मुख्य रूप से जून से सितंबर में की जाती है. यह 4 से 5 वर्ष में तैयार हो जाता है. अगर किसान एक बार बांस की खेती करना शुरू कर दें, तो इससे करीब 30 से 35 साल तक पैदावार मिलती रहती है. ऐसे में बांस की खेती को किसानों के लिए बहुत उपयोगी मानी जाती है. बांस को बंबू (Bamboo) नाम से भी जाना जाता है. खास बात है कि इसकी खेती बिना लागत और मेहनत की जाती है. इसके खेती में निराई-गुड़ाई की भी आवश्यकता नहीं पड़ती है. अगर बांस एक बार लगा दिया जाए, तो कई वर्षों तक आमदनी मिलती रहती है. हर व्यक्ति के जीवन में बांस की बहुत उपयोगिता है, क्योंकि कई घरेलू कार्यों के साथ-साथ पूजा-पाठ, खिलौने आदि में बांस का उपयोग किया जाता है.
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बांस से क्या-क्या बन सकता है?
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यह कंस्ट्रक्शन के काम आता है.
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इसकी मदद से घर बनाया जा सकता है.
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फ्लोरिंग कर सकते हैं
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फर्नीचर बन सकता है.
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हैंडीक्रॉफ्ट और ज्वैलरी बनाकर मुनाफ़ा कमाएं
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साइकिलें भी बन सकती हैं.
बांस की खेती में सरकारी मदद
इसकी खेती में 3 साल में औसतन 240 रुपए प्रति प्लांट की लागत आएगी. इसमें से 120 रुपए प्रति प्लांट सरकारी मदद मिल सकती है. बता दें कि बांस की खेती में सरकार की तरफ से 50 प्रतिशत और किसान की तरफ से 50 प्रतिशत वहन किया जाएगा. सरकारी शेयर में केंद्र की 60 प्रतिशत और राज्य की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी, लेकिन नार्थ ईस्ट में सरकार 60 प्रतिशत और किसान 40 प्रतिशत लगाएगा. 60 प्रतिशत सरकारी शेयर में केंद्र का 90 प्रतिशत और राज्य का 10 प्रतिशत होगा.
बांस से आमदनी
अगर किसान 3 गुणा 2.5 मीटर पर पौधा लगाता है, तो 1 हेक्टेयर में करीब 1500 प्लांट लगाने की आवश्यकता पड़ेगा. आप 2 पौधों के बीच में बची हुई जगह में अन्य फसलों की खेती भी कर सकते हैं. इस तरह आप 4 साल बाद करीब 3 से 3.5 लाख रुपए तक की आमदनी कमा सकते हैं.
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