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इन दिनों बाजार में नकली जीरों का कारोबार तेजी से पैर पसार रहा है. आलम ये है कि दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों में भी इसकी खेप आसानी से पहुंच रही है. ये मुद्दा इसलिए भी अधिक गंभीर है क्योंकि अभी तक लोगों के साथ-साथ खुद पुलिस को भी असली-नकली जीरे की आम तौर पर पहचान नहीं है. नकली जीरे का सेवन आपकी स्वास्थ के लिए बहुत हानिकारक है. इससे आपको कैंसर, हार्ट अटैक और अन्य तरह की बीमारियां भी हो सकती है. इसे बनाने का तरीका भी कम जहरीला नहीं है. इसे जंगली घास, गुड़ की पात और पत्थर के पाउडर की सहायता से बनाया जाता है. ये पदार्थ सीधे तौर पर आपकी
इम्यूनिटी सिस्टम पर प्रहार करते हैं. चलिए आपको नकली जीरे के बारे में विस्तार से बताते हैं.
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बहुत जहरीला है नकली जीराः
विशेषज्ञों की माने तो नकली जीरा आम लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ है. इसका सेवन पथरी की समस्या को बढ़ावा देता है और रोगों से लड़ने की शक्ति को कम कर देता है. हमारे स्किन के साथ-साथ ये हमारी हड्डियों एवं मष्तिष्क को हानि पहुंचाता है. इसको बनाने के लिए जिस जंगली घास का उपयोग किया जाता है वो बहुत जहरीला है.
गुजरात-राज्सथान से आया नकली जीराः
भारत में नकली जीरा कब और कहां से आया इस बारे में पुख्ता सबूत तो नहीं मिलते हैं. लेकिन पुलिस और क्राइम ब्रांच के मुताबिक इस तरह के मामले अब से 1 साल पहले केवल गुजरात और राजस्थान में ही देखने को मिलते थे.
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नकली जीरे की ऐसे करें पहचानः
नकली जीरे को पहचानने के लिए एक कटोरी पानी का उपयोग करें. पानी में कुछ देर डालने के बाद अगर जीरा नकली है तो कुछ देर में ये गलकर टूटने और रंग छोड़ने लगता है. जबकि असली जीरा पानी में जाने के बाद टूटकर रंग नहीं छोड़ता है.
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