उत्तर और मधय भारत के अधिकांश इलाकों में प्रचंड गर्मी पड़ रही है. गर्मी का आलम यह है कि लोगों का अपने घरों से निकलना भी मुश्किल हो गया है. वहीं, मौसम विभाग ने अब प्रचंड गर्मी का अलर्ट जारी किया है. आईएमडी ने आने वाले दिनों में 2-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि की भविष्यवाणी की है.चिलचिलाती तापमान ने बिजली की मांग को पहले ही उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया है और उद्योग का एक वर्ग गर्मियों के सामान, एसी, कूलर और पेय पदार्थों की बिक्री में तेजी का आनंद ले रहा है.साथ ही, किसानों को उम्मीद है कि लू के मौजूदा दौर से बेहतर मानसून और फसल की पैदावार होगी.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले 5 दिनों के दौरान मध्य भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की क्रमिक वृद्धि और 22 मई के बाद उत्तर-पश्चिम क्षेत्र और महाराष्ट्र में समान स्तर की वृद्धि की भविष्यवाणी की है.
बिजली की डिमांड बढ़ी
बिजली मंत्रालय को उम्मीद है कि मई में अधिकतम बिजली की मांग 235 गीगावाट (जीडब्ल्यू) तक पहुंच जाएगी, जो एक महीने बाद बढ़कर 240 गीगावॉट तक पहुंचने की संभावना है. हालांकि, सरकार ने कहा कि बिजली की मांग में अचानक वृद्धि के बावजूद कटौती के बारे में "कोई बड़ी चिंता नहीं" है क्योंकि आपूर्ति पर्याप्त है. दिल्ली के कई इलाकों से लंबे समय तक बिजली कटौती की रुक-रुक कर शिकायतें आती रहीं. इनका कारण बिजली वितरण कंपनी की स्थानीय खामियां बताया गया. आपूर्ति में कोई कमी नहीं थी, हालांकि मंगलवार को राजधानी में अधिकतम मांग 7,717 मेगावाट (मेगावाट) के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. वहीं, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में किसानों ने निर्बाध आपूर्ति की सूचना दी, जिससे संकेत मिलता है कि अतिरिक्त आपूर्ति के माध्यम से ग्रामीण मांग पूरी की जा रही है.
एसी-कूलर की बिक्री बढ़ी
बढ़ते तापमान के साथ आरामदायक बिजली आपूर्ति की स्थिति ने एयर कंडीशनर और कूलर की मांग में भारी उछाल पैदा किया है और तदनुसार, कई निर्माताओं ने उत्पादन बढ़ा दिया है. बिजनेस लाइन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, वोल्टास लिमिटेड के सीईओ और एमडी, प्रदीप बख्शी ने कहा- "इस साल, पूरे देश में गर्मी बहुत अधिक रही है और महामारी के बाद पहली बार भीषण गर्मी पड़ी है. जबकि दक्षिणी राज्यों में मार्च-अप्रैल में उद्योग की चरम मांग देखी गई, उत्तरी क्षेत्र में इस महीने मांग चरम पर है और जून तक रहने वाली है."
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वहीं, डाइकिन इंडिया के सीएमडी केजे जावा ने कहा कि भले ही एसी उद्योग में इस वित्तीय वर्ष में 15-20 प्रतिशत की वृद्धि देखने की उम्मीद है, लेकिन हीटवेव जैसे कारकों के कारण अकेले जून तिमाही में 25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हो सकती है. उन्होंने आगे कहा कि एसी सर्विसिंग और मरम्मत करने वाली कंपनियों का कारोबार अच्छा दिख रहा है. पिछले वर्ष की तुलना में मांग 40 प्रतिशत से अधिक है.
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