भारत में आर्गेनिक खेती का प्रभाव दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है यह तो हम सभी जानते है , लेकिन क्या आप जानते है भारत के साथ साथ कई देश आर्गेनिक खेती से प्रभावित होकर आर्गेनिक खेती को बढ़ावा दे रहे है.
यूरोपियन यूनियन ने पूरे यूरोप में से केमिकल द्वारा की गई खेती को खत्म करने और साथ ही साथ आर्गेनिक खेती को बढ़ाने का फैसला किया है. यूरोपियन यूनियन के इस प्रोजेक्ट में आईवीआरआई के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. महेश चंद्र को शामिल किया गया है. डॉ. महेश चंद्र चार सदस्यीय एडवाइजरी बोर्ड का हिस्सा हैं और साथ ही साथ यूपी की आय दोगुनी करने का मसौदा तैयार करने वाली टीम में शामिल रह चुके है. डॉ. महेश चंद्र यूरोप के देशों में जैविक खेती को रिप्लेस करने के लिए होने वाले अनुसंधानों का रास्ता दिखाएंगे, और डॉ. महेश चंद्र इसी महीने इटली में हुई महत्वपूर्ण बैठक में शामिल हुए है.
आईवीआरआई के प्रधान वैज्ञानिक और डिवीजन ऑफ एक्सटेंशन एजुकेशन के हेड डॉ. महेश चंद्र उस एडवाइजरी बोर्ड में शामिल हैं जिसमें कनाडा, इंडिया और अफ्रीका के वैज्ञानिक चुने गए हैं. डॉ महेश चंद्र ने बताया कि आर्गेनिक खेती का बाजार 90-100 बिलियन डॉलर पहुंच गया है. जैविक खेती पर काम करने वालों से खुद डॉ. महेश चंद्र ने संपर्क किया और जैविक खेती पर 1990 से काम शुरू किया था, साथ ही जैविक खेती पर कई शोधपत्र इंटरनेशनल जरनल में प्रकाशित हुए है. यूरोपियन यूनियन से प्रोजेक्ट मिलने के बाद कोवेंट्री यूनिवर्सिटी ने काबिल लोगों की तलाश की तो डॉ. महेश कुमार के काम को देखते हुए उनको एडवाइजरी कमेटी में शामिल कर लिया गया.
इसकी पहली मीटिंग इटली के पैडोवा में 13 से 16 जून तक हुई. अगली बैठक कोपेनहेगेन में होगी.
वर्षा
कृषि जागरण
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