बिहार के कृषि मंत्री डॉ० प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य में रेशम उद्योग को बढावा देने हेतु एडवांस सेन्टर ऑन सेरीकल्चर की स्थापना की स्वीकृति प्रदान की गई है. इसके लिए डॉ0 अब्दुल कलाम कृषि महाविद्यालय किशनगंज में एडवांस सेन्टर ऑन सेरीकल्चर की स्थापना हेतु आधारभूत संरचना विकास सहित महाविद्यालय के अन्य कार्यो के लिए वर्ष 2017-18 में तत्काल 60 करोड़ रूपये व्यय की स्वीकृति प्रदान की गई है.
कृषि मंत्री ने कहा कि रेशम हमारी संस्कृति एवं परम्परा के साथ जुडा हुआ है रेशम उत्पादन ग्रामीण आधारित रोजगार प्रदान करने वाला एक लाभदायक उद्यम है. रेशम राज्य के कुछ क्षेत्रों में लोगों की आजीविका का साधन है. इसकी विदेशों में भी काफी मांग है. आज के बदलते विश्व व्यापार की चुनौतियों का सामना करने के लिए रेशम उद्योग को सशक्त एवं आधुनिक स्वरूप प्रदान करना आवश्यक है परन्तु राज्य में रेशम के अनुसंधान एवं विकास की प्रर्याप्त व्यवस्था नही रहने के कारण इस क्षेत्र का समुचित विकास नही हो पाया है.
राज्य में रेशम उद्योग को बढावा देने हेतु डॉ० कलाम कृषि महाविद्यालय में एडवांस सेन्टर ऑन सेरीकल्चर की स्थापना के लिए कुल 101 शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक पदों का सृजन किया गया है. इसमें तीन मुख्य वैज्ञानिक, 14 वरिष्ठ वैज्ञानिक तथा 42 कनिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ-साथ आउटसोर्सिंग के माध्यम से 42 विभिन्न गैर शैक्षणिक पदों पर नियुक्ति की जायेगी. राज्य में रेशम के अनुसंधान एवं विकास के लिए स्थापित होने वाले इस एडवांस सेन्टर में शहतूत पेड़ के प्रजनन एवं अनुवांशिकी, शहतूत उत्पादन, रेशम के कीड़े की प्रजनन एवं अनुवांशिकी, रेशम के कीड़े की रीलिंग तकनीक, टेक्सटाइल तकनीक, रेशम में लगने वाले कीट व्याधि आदि से संबंधित संकायों का सृजन किया जायेगा.
इस एडवांस सेन्टर ऑन सेरीकल्चर से राज्य विशेषकर पूर्णियाँ एवं कोशी प्रमंडल में रेशम उद्योग को बढ़ावा देने तथा इससे जुड़े छोटे एवं सीमान्त किसानों विशेषकर महिला किसानों के आर्थिक विकास में मदद मिलेगी, इसके साथ ही अतिरिक्त रोजगार के साधन सृजित होंगे.
डॉ० कुमार ने कहा कि भागलपुर रेशम उद्योग के लिए विश्व प्रसिद्ध है. किशनगंज में डॉ० कलाम कृषि महाविद्यालय में सेरीकल्चर के एडवांस सेन्टर खोलने से रेशम उद्योग को बढावा देने के लिए तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराने में कृषि विभाग सक्ष्म हो सकेगा.
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