सरकार उर्जा नवीकरणीय संसाधनों को लेकर गंभीर रूप से कार्य कर रही है, इसके लिए इस क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों को सरकार द्वारा सब्सिडी भी दी जा रही है| सरकार का एकमात्र उद्देश्य है उर्जा नवीकरणीय संसाधनों को बढ़ावा देना| बहुत साड़ी गैर सरकारी कंपनिया इसको लेकर काम कर रही है| जिसमें की सौर उर्जा को काफी बढ़ावा दिया जा रहा है| इसी के विषय में सीआईआई (कन्फेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री)द्वारा दिल्ली में चौथे रेनेवबल एनर्जी समिट का आयोजन किया गया| इसका मुख्य विषय भारत के उत्तरी हिस्से में नवीकरणीय संसाधनों के अवसरों पर चर्चा की गयी| इसके अलावा इसमें वित्तीय समस्याओं पर भी चर्चा की गई| इस कार्यक्रम में एक रेनेवबल एनर्जी देश के राज्यवार इसकी स्थिति पर आंकडें पेश किए गए| जिसमें जम्मू और कश्मीर के अलावा, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड और पंजाब कपर ख़ास चर्चा की गयी | इस राज्यों में उर्जा नवीकरण संसाधनों के लिए काफी अवसर है| इस कार्यकरण में सीआईआई के सीनियर डायरेक्टर, नॉर्दन रीजन बाबू खान, रतुल पुर, चेयरमन, हिंदुस्तान पॉवर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, सुमंत सिन्हा, सीईओ रेनेव पॉवर वेंचर लिमिटेड, दीपक अमिताभ, चेयरमैन पीटीसी लिमिटेड, इन्दरप्रीत वाधवा, फाउंडर, अजुरे पॉवर और सुधीर कुमार, कंट्री स्ट्रेटेजी बिज़नेस कंसल्टेंटस ने अपने विचार प्रस्तुत किए|
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