मौसम के कहर का कोई न की हर रोज शिकार हो रहा है। कभी कोई आंधी से तो कोई बारिश से। लेकिन अब मौसम के कहर का असर लीची के उत्पादन पर होने लगा है। लीची की बागवानी करने वालो की माने तो गरजता बदल और तेज बारिश के कारण लीची की फसल आधी रह गई है जिससे उन्हें बहुत नुकसान हुआ है। और सरकार को इस नुक्सान के बदले कुछ भरपाई करनी चाहिए वरना ऐसे तो वह यह लीची की बागवानी का काम नहीं कर पाएंगे।
उत्तराखंड के पछुवादन में आम और लीची की बड़ी मात्रा में उत्पादन होता है लेकिन पिछले दिनों में बदले मौसम का असर अब लीची पर दिखने लगा है , बागवानी करने वालो का कहना है की शुरुआती दौर में लीची में अच्छी बौर आने से बागवानों के चेहरे खिले हुए थे, लेकिन फल विकसित होने के दौरान ही मौसम में कई उतार-चढ़ाव आए और इसका सीधा असर फल पर पड़ा और फसल आधी रह गई
वर्षा
कृषि जागरण
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