गौमूत्र विभिन्न रोगों के उपचार में सहायक होता है. वहीं गोबर का प्रयोग घर की साफ-सफाई के लिए किया जाता है. ऐसी कई खबरें तो आपने खूब पढ़ी होंगी. लेकिन अब आप गोमूत्र के जरिए कमाई भी कर सकते हैं. यह कमाई सालाना 50 से 60 हजार रुपये तक की हो सकती है यानी प्रतिमाह आपको पांच हजार रुपये की कमाई गोमूत्र के माध्यम से हो सकती है. इस बारे में मोदी सरकार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने सुझाव दिया है. आगे पढ़िए उन्होंने इस बारे में क्या-क्या सुझाव दिया है.
राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने ड्राई डेयरी, जैविक खेती, किसानों की आय और रोजगार सृजन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कुछ सुझाव दिए हैं. एक हिंदी दैनिक में प्रकाशित खबर के अनुसार मंत्री की तरफ से दिए गए सुझावों में कहा गया है कि एक गाय के मल-मूत्र से किसान हर साल 50 से 60 हजार रुपए तक की कमाई कर सकता है.
वहीं, एक पंचायत ड्राई डेयरी के माध्यम से प्रति वर्ष 5 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय कर सकती है. बस इसके लिए किसानों को ड्राई डेयरी के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ नाबार्ड, ग्रामीण विकास, कृषि, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के सहयोग से एक मॉडल विकसित करना होगा.
पत्र में कहा गया है कि गैर दुधारू पशुओं, खासकर गौवंश की अनदेखी होती है. लिहाजा ड्राई डेयरी पर ध्यान दिया जाए तो गैर दुधारू गौवंश से भी अच्छा लाभ कमाया जा सकता है. ड्राई डेयरी मॉडल गांव स्तर पर रोजगार सृजन में मददगार साबित हो सकता है. पीएमओ ने इस सुझाव का स्वागत किया है.
मॉडल गांव स्तर पर रोजगार सृजन में मददगार
पत्र में वैज्ञानिक तरीके से इसे समझाया गया है कि 30 गौवंश को लेकर एक उद्यम बनाया जाए तो प्रति पंचायत 20 से 30 उद्यमी (30 से 50 हजार रुपये प्रतिमाह) कमाई कर सकते हैं. यही नहीं प्रति उद्यमी के साथ चार से पांच व्यक्तियों को रोजगार भी मिलेगा. यह आदर्श स्थिति होगी. इससे प्रति पंचायत 100 से 120 लोगों को रोजगार (पांच से 10 हजार प्रतिमाह) भी मिल सकता है.
कृषि उत्पादन में भी हो सकती है बढ़ोतरी
ड्राईडेयरी के माध्यम से किसानों को जैविक खेती की ओर प्रेरित करने की जरूरत है. गौ मूत्र एवं मानव बाल से तैयार किए गए एमिनो एसिड और जैविक खाद्य का उपयोग करके कृषि उत्पादन में 20 से 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी की जा सकती है.
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