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कृषि निर्यात पर मंडरा रहा खतरा, गेहूं-चावल पर प्रतिबंध के कारण वित्त वर्ष 2024 में 5 अरब डॉलर की गिरावट के आसार, रिपोर्ट में दावा

Agricultural Exports: गेहूं-चावल पर प्रतिबंध के कारण वित्त वर्ष 2024 में कृषि निर्यात में 5 अरब डॉलर की गिरावट के आसार. सूत्र की मानें तो इसका कोई तत्काल प्रभाव तो नहीं है, लेकिन आने वाले दिनों में इसका असर दिख सकता है.

KJ Staff
कृषि निर्यात पर मंडरा रहा खतरा.
कृषि निर्यात पर मंडरा रहा खतरा.

गेहूं, गैर-बासमती चावल और चीनी पर प्रतिबंध के कारण चालू वित्त वर्ष में भारत के कृषि निर्यात को लगभग 4-5 अरब डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है. इस मामले से परिचित अधिकारियों की मानें तो, सरकार को उम्मीद है कि बासमती, फल और सब्जियां, मांस और डेयरी, और अनाज की तैयारी जैसी वस्तुओं के शिपमेंट में वृद्धि के कारण पिछले साल के निर्यात स्तर को बनाए रखने में मदद मिलेगी.

इसके अतिरिक्त, लाल सागर पर हौथी विद्रोहियों के हमलों से बासमती चावल का निर्यात प्रभावित हो सकता है. बिजनेस लाइन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, मामले पर नजर रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि इसका कोई तत्काल प्रभाव तो नहीं है, लेकिन अगर आने वाले दिनों में यूरोपीय संघ और अफ्रीका के बाजारों के लिए वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की आवश्यकता होगी तो लागत अनुमानित 15-20 प्रतिशत तक बढ़ सकती है.

वाणिज्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने गुरुवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा,"हमें उम्मीद है कि (निर्यात) प्रतिबंधों के कारण 4-5 अरब डॉलर के प्रभाव के बावजूद हम कृषि निर्यात के उस (पिछले वित्तीय वर्ष के) स्तर तक पहुंच जाएंगे." बताते चलें की 2022-23 में भारत का कृषि निर्यात 53.15 बिलियन डॉलर होने का अनुमान लगाया गया था.

निर्यात पर मंडरा रहा खतरा

अधिकारियों ने कहा कि बासमती चावल का निर्यात अब भारत की कृषि निर्यात टोकरी में सबसे बड़ी वस्तु है, इस साल अक्टूबर तक प्रीमियम किस्म का निर्यात 3 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. सरकारी अनुमान के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में बासमती चावल का निर्यात 15-20 फीसदी अधिक हो सकता है. बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अन्य सूत्र ने कहा, " बासमती चावल निर्यातकों को आने वाले दिनों में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है, अगर लाल सागर पर हौथी विद्रोहियों के हमले उन्हें अपने शिपमेंट के लिए शिपिंग मार्ग बदलने के लिए मजबूर करते हैं."

सूत्र ने आगे कहा, "वाणिज्य विभाग के अधिकारियों ने बासमती निर्यातकों के साथ लाल सागर में उनके शिपमेंट के जोखिम पर एक बैठक की. हालांकि अभी कोई प्रभाव नहीं है, लेकिन अगर जोखिम जारी रहता है तो उन्हें यूरोपीय संघ और अफ्रीका में अपने गंतव्यों के लिए वैकल्पिक मार्गों का विकल्प चुनना पड़ सकता है. इससे उनकी लागत 15-20 प्रतिशत तक बढ़ सकती है जिसका असर कीमतों पर पड़ेगा."

English Summary: Due to ban on wheat and rice there may be a decline of 5 billion dollars in agricultural exports in the financial year 2024 Published on: 22 December 2023, 01:41 PM IST

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