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Drip Irrigation लगाने वाले किसानों को खेत तैयार करने पर 50 और पौधे पर मिलेगी 75 प्रतिशत सब्सिडी

खेतों में अच्छी फसल के लिए जरुरी है कि आवश्यकता अनुसार खेत की अच्छी तरह से सिंचाई होनी चाहिए, तभी जाकर फसल की सही रूप से वृद्धि हो पाती है. ऐसे में किसानों द्वारा फसल की सिंचाई के लिए तरह-तरह की तकनीकों को अपनाया जा रहा है.

प्राची वत्स
ड्रिप सिंचाई विधि
ड्रिप सिंचाई विधि

ड्रिप सिंचाई के माध्यम से बागवानी करने वाले किसानों को कमाई का मौका विभाग द्वारा दिया जा रहा है. इसके लिए शुष्क बागवानी योजना के तहत अनुदानित दर पर पौधा उपलब्ध कराया जा रहा है. सबसे पहले हम चर्चा करेंगें कि आखिर ये ड्रिप सिंचाई विधि क्या है?

क्या है ड्रिप सिंचाई विधि (What is drip irrigation method)

खेतों में अच्छी फसल के लिए जरुरी है कि आवश्यकता अनुसार खेत की अच्छी तरह से सिंचाई होनी चाहिए, तभी जाकर फसल की सही रूप से वृद्धि हो पाती है. ऐसे में किसानों द्वारा फसल की सिंचाई के लिए तरह-तरह की तकनीकों को अपनाया जा रहा है.

यदि फसल की सिंचाई अच्छी तरह होती है, तो उसकी पैदावार और गुणवत्ता दोनों अच्छी होती है. टपक (Drip) सिंचाई पद्धति एक ऐसी विधि है, जिसमें फसल को जल मंद गति से बूँद-बूँद के रूप में जड़ क्षेत्र में एक छोटी व्यास की प्लास्टिक पाइप से जल प्रदान की जाती है. सिंचाई की इस तकनीक का इस्तेमाल सर्वप्रथम इजराइल देश में किया गया था. इसकी ख़ासियत को देखते हुए आज यह तकनीक लगभाग सभी देशों में इस्तेमाल किया जाने लगा है.

इस विधि में जल को व्यवस्थित तरीके से उपयोग में लाया जाता है. जिससे पानी बूँद-बूँद के रूप में सीधा पेड़ की जड़ो में पहुँचता है, और पेड़ की जड़े धीरे-धीरे पानी को सोखती है. इस विधि से पानी का दुरूपयोग भी कम होता है और फसलों को सही मात्रा में पानी भी मिल जाता है.

इस विधि में उवर्रकों को घोल के रूप में पौधों की जड़ो तक पहुंचाया जाता है. जल की कमी वाले स्थानों के लिए इस विधि को काफी उपयुक्त माना गया है. तो ये थी ड्रिप/टपक सिंचाई विधि की जानकारी.

इस विधि को किसानों के बीच सफल पूर्वक पहुँचाने के लिए जिले में सात हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस योजना के तहत वैसे किसान जो ड्रिप सिंचाई के माध्यम से सब्जी की खेती कर रहे हैं,  उनकी आमदनी को बढ़ाने के लिए पांच प्रकार के पौधे दिए जा रहे हैं, ताकि सब्जी की खेती के अलावा फलदार वृक्ष बागवानी भी कर सकें. जिला उद्यान विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, विभाग द्वारा बेर, आंवला, जामुन, बेल, कटहल, नींबू आदि के पौधे दिए जाएंगे.

किसानों को 55 प्रतिशत मिल रहा अनुदान (Farmers are getting 55 percent subsidy)

योजना के तहत खेत तैयार करने से लेकर पौधा प्राप्त करने तक 55 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. खेत तैयार करने में लागत दर 210 रुपए निर्धारित किया गया है. ऐसे में खेत तैयार करने पर 50 प्रतिशत और पौधे 75 प्रतिशत अनुदान कॉदिया जा रहा है.

इसके अलावा जो किसान इस योजना के लाभार्थी होंगे, उन्हें सब्जी का पौधा पर भी 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, ताकि एक ही खेत में बागवानी के साथ-साथ सब्जी की भी खेती कर सकें.

सब्जी की खेती में बागवानी भी आसानी से की जा सकती है. किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकें इसी उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की गई है, लेकिन इस योजना का लाभ उन्हीं किसानों को दिया जाएगा, जो पहले से ड्रिप एरिगेशन के माध्यम से सिंचाई कर रहे हैं. दूसरे किसानों को तभी इस योजना का लाभ मिलेगा, जब वे ड्रिप सिस्टम को लगाएंगे.

यानि अगर आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको अपने खेतों में ड्रिप सिस्टम लगवाना होगा. तभी जाकर आपको इस अनुदान का लाभ मिल सकेगा. आपको बता दें कि सरकार ड्रिप सिंचाई विधि के लिए भी किसानों को अनुदान दे रही है. जिसकी मदद से आप आसानी से ड्रिप पाइप लाइन लगवा सकते हैं.

English Summary: Drip Irrigation, Drip System, Drip Irrigation System, Dripping Water, Subsidy On Drip Irrigation Published on: 23 February 2022, 04:05 PM IST

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