आज द्रौपदी मुर्मू ने देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली, बता दें कि वह अब तक की सबसे कम उम्र वाली तथा पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं. तो वहीं द्रौपदी मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनीं. 24 जुलाई को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल समाप्त हो गया था, जिसके बाद आज द्रौपदी मुर्मू ने संसद में राष्ट्रपति पद की शपथ ली.
देश के न्यायाधीश एन वी रमन्ना ने उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, तीनों सेनाओं के सेनाध्यक्ष व कई देशों के राजदूत शामिल रहें. 18 जुलाई को राष्ट्रपति के लिए वोट डाले गए थे. जिसके बाद 21 जुलाई को मतगणना में उन्हें भारी बहुमत के साथ जीत हासिल की.
राष्ट्रपति बनने के बाद द्रौपदी मुर्मू ने अपने पहले संबोधन में कहा कि “देश का राष्ट्रपति बनना मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, यह भारत के हर गरीब की उपलब्धि है मेरा नामांकन इस बात का प्रमाण है कि भारत में गरीब न केवल सपने देख सकते हैं बल्कि उन सपनों को पूरा भी कर सकते हैं. मैं ओडिशा में अपने गांव की पहली महिला हूं, जिसने कॉलेज में दाखिला लिया”. उन्होंने कहा कि “मैं पीएम नरेंद्र मोदी और उन सभी सांसदों और विधायकों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने मुझे वोट दिया”.
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द्रौपदी मुर्मू ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर बधाई दी तथा कहा कि, “कल यानि 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस है. यह दिन भारतीय सेना की वीरता और धैर्य दोनों का प्रतीक है. आज कारगिल विजय दिवस पर मैं देश के सशस्त्र बलों और देश के सभी नागरिकों को अग्रिम बधाई देती हूं”.
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