
CHAI-2025 Fellowship Award: देश के प्रख्यात फल रोग विशेषज्ञ एवं डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, बिहार में प्रोफेसर-कम-चीफ साइंटिस्ट के पद पर कार्यरत डॉ. एस.के. सिंह को बागवानी क्षेत्र में उनके दीर्घकालिक, नवाचारपूर्ण एवं उत्कृष्ट योगदान के लिए कन्फेडरेशन ऑफ हॉर्टिकल्चर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CHAI) द्वारा CHAI-2025 फेलोशिप से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान उन्हें 28 मई, 2025 को बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर में आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रदान किया गया.
"अमृतकाल में बेहतर आजीविका के लिए बागवानी के त्वरित विकास" विषय पर आधारित इस सम्मेलन में देशभर से कृषि वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, नीति-निर्माताओं, विस्तार अधिकारियों एवं प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया. डॉ. सिंह की अनुपस्थिति में आयोजित सम्मान समारोह में उनके उल्लेखनीय योगदानों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया और उन्हें प्रशस्ति पत्र, सम्मान पट्टिका एवं प्रशंसा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए.
डॉ. सिंह को यह सम्मान CHAI की खोज समिति की सिफारिश और निदेशक मंडल की स्वीकृति के बाद प्रदान किया गया. यह उनकी वैज्ञानिक सोच, नवाचारों और किसानों के साथ सतत संवाद एवं प्रशिक्षण गतिविधियों के प्रति समर्पण का प्रमाण है.
डॉ. एस.के. सिंह पिछले तीन दशकों से फल रोग प्रबंधन के क्षेत्र में अनुसंधान, शिक्षण और तकनीकी विस्तार में सक्रिय हैं. केले की फ्यूजेरियम विल्ट (Foc TR4) तथा पपीते की जड़ गलन रोग (Fusarium solani) के जैविक प्रबंधन हेतु उनके नेतृत्व में विकसित किए गए माइक्रोबियल कंसोर्टिया को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है. इसके अतिरिक्त, उन्होंने फलों की गुणवत्ता सुधार, उत्पादन वृद्धि, रोग प्रतिरोधी किस्मों के चयन एवं मूल्य संवर्धन जैसे क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है.
CHAI, देश में बागवानी एवं कृषि के सतत विकास के लिए तकनीक-आधारित रणनीतियों को बढ़ावा देने वाली अग्रणी संस्था है. यह संगठन वैज्ञानिकों, शिक्षकों और कृषकों के लिए संवाद, शोध और नवाचार का मंच उपलब्ध कराता है तथा शोधपत्र, पुस्तकें और पत्रिकाओं का प्रकाशन करता है. साथ ही, उत्कृष्ट कार्य करने वाले वैज्ञानिकों को पुरस्कारों और फेलोशिप्स के माध्यम से सम्मानित भी करता है.
CHAI-2025 फेलोशिप प्राप्त कर डॉ. एस.के. सिंह ने न केवल बिहार को, बल्कि समूचे भारतीय कृषि वैज्ञानिक समुदाय को गौरवान्वित किया है. यह सम्मान युवा वैज्ञानिकों के लिए अनुसंधान, नवाचार और कृषक सेवा के क्षेत्र में प्रेरणा का स्रोत बनेगा. सम्मेलन आयोजकों ने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी डॉ. सिंह का सक्रिय मार्गदर्शन बागवानी क्षेत्र में नवाचार को गति प्रदान करेगा और उनके शोध कार्यों से देशभर के किसानों को निरंतर लाभ मिलता रहेगा.
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