किसानों की आय दोगुना करने के लिए उन्हें जागरूक किया जाएगा। इस कार्य के लिए जिले के 250 गावों का चयन किया गया है और इसमें किसान पाठशाला का आयोजन होगा। पाठशाला में किसानों को फसलों के उत्पादन, उत्पादकता की बढ़ोतरी और उसके बिक्री के बारे में जानकारी दिया जाएगा। किसानों को मुख्य तौर पर यह भी बताया जाएगा कि किस प्रकार वो कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। इस कार्य के लिए जिले के दस अधिकारियों को निगरानी समिति में रखा गया है।
इसी कड़ी में गतवर्ष से सरकार ने न्याय पंचायतवार किसान पाठशाला का आयोजन करने का निर्णय लिया है। इसके माध्यम से किसानों की आय दोगुना करने के लिए उद्यान, पशुपालन, मत्स्य और डेयरी की योजनाओं की भी जानकारी दी जाएगी।
किन चीजों की दी जानकारी:
किसानों को सरकारी योजनाओं की बुकलेट, उत्पादकता बढ़ाने, मिट्टी की जांच, कीटनाशक दवाइयों के प्रयोग, गुणवत्ता की जांच और मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार खेती करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पाठशाला का आयोजन कुल 250 गावों में दो चरणों में किए जाने की रणनीति बनाई गई है।
दो चरणों में कुल 250 गांवों में पाठशाला का आयोजन करने की रणनीति बनाई गई है। इसमें प्रथम चरण में 3 जून से 7 जून तक 120 व दूसरे चरण में सात से दस जून तक 130 गांवों में पाठशाला का आयोजन होगा। पाठशाला के लिए गावं में स्थित प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल विद्यालयों में लगाई जाएंगी। किसानों को इस पाठशाला के बारे में प्रशिक्षण देने के लिए पहले से सूचित किया जाएगा। किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए मास्टर ट्रेनरों को कृषि भवन में प्रशिक्षित किया जा चुका है। पाठशालाओं में विशेष रूप से उन किसानों के व्याख्यान भी प्रस्तुत किए जाएंगे जो अपनी कामयाबी का परचम लहरा चुके हैं। वो बाकि अन्य किसानों को बताएंगे कि किस तरह उन्होंने यह सफलता हासिल की है।
वहीं गतवर्ष कागजों तक ही सीमित थी पाठशाला
गतवर्ष पाठशाला के जरिए 40 हजार किसानों को प्रशिक्षित करने का विभाग के द्वारा दावा किया गया था। लेकिन प्रतिष्ठित अख़बार अमर उजाला के द्वारा पड़ताल करने पर किसानों ने ऐसे किसी भी आयोजन से इंकार किया था। इस बार पाठशाला पर सभी की नजरें रहेंगी।
इस तरह के आयोजनों से किसानों को काफी लाभ होता है और काफी कुछ नया सिखने को मिलता है।
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