जी हाँ.. हम बात कर रहे है लालमिर्ची जो होंटो पे लगाई जाती है और तो और इसे तो कई महिला एक्ट्रेस के साथ साथ करोड़ों महिलाएं इसे रोज प्रयोग करती हैं. आप ऐसा सुन कर चौंक तो जरूर गए होंगे पर ये सच है. क्यूंकि भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने मिर्च की ऐसी प्रजाति विकसित की है. जिसका प्रयोग होंटो पर लगने वाली लिपिस्टिक बनाने में किया जाता है. इस ख़ास मिर्च का नाम है- पापरिका चिल्ली. इस मिर्च को आई आई वि आर (IIVR)के वैज्ञानिक डॉ राजेश कुमार व उनके सहयोगियों द्वारा कड़े अनुसंधान के बाद विकसित किया गया. इस मिर्च पर अनुसंधान के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा शोध कार्य 2002 में शुरू किया गया था पर गर्म जलवायु होने के कारण इसमें तीखेपन की मात्रा बनी रह जाती थी पर लगातार शोध करने के बाद इसे नए तकनीक एवं गहन परिक्षण के बाद सफलता हासिल हो ही गई. इस मिर्च के तीखेपन पर विश्विद्यालय में लगातार 4 साल तक शोध कार्य हुआ और डॉ राजेश ने इस मिर्च को तीखा नहीं होने दिया और टेस्ट की सफलता के बाद इसे राज्य सरकार के पास पंजीकरण के लिए भेज दिया है और उसके बाद इसे राज्य सरकार ने काशी हिन्दू के नाम से बाजार में उपलब्ध कर दिया है पर भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा इसे आई.आई.वि.आर (IIVR)535 नाम दिया गया है
आपको बता दें की ये मिर्ची इतनी ख़ास क्यों है क्यूंकि इस पापरीका मिर्ची से ओलेओरेसिन तेल निकाला जाता है और इससे रंग बनायें जाते हैं और इसका बड़े मात्रा में प्रयोग लिपस्टिक ,नेलपॉलिश अन्य ब्यूटी उत्पादों के बनाने में किया जाता है सबसे अच्छी बात ये है की इस मिर्च से बने रंगों से त्वचा को कोई नुकसान नहीं पहुँचता है और इस मिर्च से बने सभी उत्पादों की कीमत भी काफी कम होती है. जिससे बाजार में इसकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है ऐसे में किसानों के लिए इस मिर्च की खेती बेहतर विकल्प हो सकती है.
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