प्राचीन काल से ही खेतों में लोग गुनगुनाते हुए खेती करते नज़र आते हैं, लेकिन अब यह ट्रेंड डीजे की तरफ शिफ्ट (Farming on DJ Music) हो रहा है. लोग अपने खेतों में ना सिर्फ़ बोली हुई धुनों पर काम कर रहे हैं, बल्कि अब वह अपनी मनपसंद गानों को डीजे में बजाकर खेती का काम (Farming on DJ Beats) मजे से कर रहे हैं.
डीजे की धुन पर किसानों के सुरीले पाठ
डिजिटल युग (Digital Era) आने के साथ ही लोगों का खेती के प्रति नज़रिया भी बदल रहा है. किसान अब आधुनिक समय में डीजे की बीट पर मजदूरों के साथ काम करते हुए नज़र आ रहे हैं.
ख़बर 1
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अब तक आपने हरियाणा और पंजाब के किसानों (Farmers of Haryana and Punjab) में ट्रैक्टरों के प्रति अपार लगाव देखा होगा, लेकिन छत्तीसगढ़ के कुछ किसान इनसें भी ज्यादा रंगीन निकल रहे हैं. वह अपने ट्रैक्टर को लग्जरी कार की तरह सजाकर रखते हैं.
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साथ ही ट्रैक्टर में डीजे साउंड और डिस्को लाइट (DJ Sound and Disco Light in Tractor) लगाई हुई है. इस डीजे साउंड की आवाज के बीच वह अपने खेतों में ट्रैक्टर की जुताई और अन्य काम करते हैं.
ख़बर 2
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वहीं एक ख़बर बेमेतरा जिले के खोहड़िया गांव (Khohadiya Village of Bemetara District) से भी आ रही है. जहां एक युवा किसान अपने 80 एकड़ के फार्म हाउस में खेती करते हैं. इतनी बड़ी जमीन पर यह किसान पूरे मजे से खेती करते है.
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इन्होंने 40-50 हजार रुपये खर्च कर डीजे साउंड और लाइटिंग लगाई है. डीजे साउंड की धुन पर युवा किसान और उनके साथी रोजाना सात से आठ घंटे खेती का काम करते हैं.
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इसके अलावा एक दिलचस्प ख़बर नागौर के कुचेरा कस्बे (Kuchera Town of Nagaur) समेत आसपास के ग्रामीण इलाकों से भी आयी है.
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यहां इन दिनों खेतों में डीजे पर लोकगीतों की गूंज सुनाई दे रही है. किसान फसल कटाई के साथ-साथ खेतों में डीजे भी बजा रहे हैं. इससे मजदूरों के साथ-साथ आसपास के खेतों के किसान भी कटाई में शामिल हो जाते हैं और फसल को पूरे उत्साह के साथ काटा जाता है.
ख़बर 3
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ऐसा ही एक नजारा मठरोद रूपथल रोड (Mathrod Ruthal Road) स्थित एक खेत में देखने को मिला है. जहां डीजे की धुन पर नाचते-गाते किसान फसल काट रहे थे.
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किसानों ने बताया कि इन दिनों आसमान में बादल छाए रहने से पकी फसल खराब होने की चिंता सता रही है और जगह-जगह कटाई शुरू होने से मजदूर भी कम मिल रहे हैं.
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ऐसे में युवा मजदूरों के लिए खेत में डीजे लगाकर उत्साह से नाचते हैं और फसल काटते हैं. वहीं तेजाजी के लोकगीतों पर बड़ों के साथ-साथ अन्य मारवाड़ी गीतों और डीजे रीमिक्स पर भी युवक-युवतियां झूमते नाच-गाने के साथ फसल काटते हैं. जिससे काम और भी ज्यादा हो जाता है.
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