जैविक खेती करके सब्जियां पैदा करने वाले किसानों के लिए एक अच्छी खबर आई है. अब जैविक खेती में बीमारियां किसी भी तरह से बाधा नहीं बनेंगी. अब किसानों को बीमारयों से बचाव के लिए मजबूर होकर फर्टिलाइजर या रसायन का उपयोग नहीं करना पड़ेगा. इसके लिए अब राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान बायो प्रोडक्ट तैयार किये जायेंगे. यह बायोप्रोडक्ट रसायनों की जगह इस्तेमाल किये जायेगें और बीमारियों पर नियंत्रण रखेंगे. अब इसके लिए स्थाई लैब तैयार किया जा रहा है. पिछले शनिवार को सहकारिता और किसान कल्याण विभाग कृषि और किसान कल्याण के पूर्व सचिव एसके पटनायक व एनएचआरडीएफ के अध्यक्ष डॉ. बिजेंद्र ¨सह ने जैव नियंत्रण का शिलान्यास किया. उनके साथ इस मौके पर संसथान के डायरेक्टर बीके दुबे मौजूद थे. मुख्य अतिथि में बताया की यह कदम किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद होने वाली है.
डिप्टी डायरेक्टर डॉ. बीके दुबे ने बताया की जैविक खेती से प्रदेश के लगभग साढ़े तीन हजार हेक्टेयर भूमि पर सब्जियां उगाई जा रही हैं. हरियाणा जैविक खेती के तरफ अब किसान तेजी से रूख कर रहे हैं. इससे पता चलता है की जैविक खेती के आगे अच्छे दिन आने वाले हैं. खाद्यों में दिन ब दिन बढ़ रहे रसायनों के प्रयोग हमें बीमार करते जा रहे हैं. इससे बचाना हमे बेहद जरूरी हो चुका है.
डॉ. दुबे ने बताया की किसानों से बात की गई है उनको जैविक खेती करने में क्या-क्या परेशानियां आ रही हैं उनके बारे में जानकर हम किसान के हित में क्या कर सकते हैं उस संकल्प के साथ आगे बढ़ेंगे. आइएएस एसके पटनायक ने करीब 42 लाख रुपये की लागत से बनने वाली इस लैब की सौगात दी है. इससे बनने वाले बॉयोप्रोडक्ट से हम सब्जियों में आने वाली बीमारियों को रोकने में कामयाब हो सकेंगे.
किसानों को प्रमाण-पत्र देकर किया सम्मानित
जैव नियंत्रण प्रयोगशाला के निर्माण से जैविक उत्पादों की उपलब्धता किसानों के लिए और आसान हो जाएगी. इससे हरियाणा के किसान जैविक खेती में आगे बढ़ेंगे. इसके बाद राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत संस्था की ओर से पूर्व में सब्जी बीजोत्पादन विषय पर किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन हुआ इसमें विभिन्न जिलों से आए किसानों को मुख्य अतिथि ने प्रमाण पत्र दिया.
प्रभाकर मिश्र, कृषि जागरण
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