Digital India: देश के किसानों की मदद के लिए भारत सरकार हमेशा कुछ न कुछ नया करने की कोशिश में जुटी रहती है. इसी क्रम में सरकार ने इस साल 2023 में राष्ट्रीय कृषि बाजार ( ई नाम पोर्टल) को बढ़ावा देने के लिए आगे आई है.
आपको बता दें कि इस पोर्टल की मदद से किसान अपने घर बैठे-बैठे सरलता से ऑनलाइन फसल को बेच सकते हैं. यह फसल वह अपनी इच्छा के मुताबिक किसी को भी बेच सकते हैं और वाजिब दाम प्राप्त कर सकते हैं. देखा जाए तो ई-नाम 22 राज्यों और 3 संघ राज्य क्षेत्रों में 1260 एपीएमसी मंडियों को एक साथ लाने वाला एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है. ताकि कृषि और बागवानी संबंधित किसानों को ऑनलाइन व्यापार की सुविधा सरलता से मिल सके.
वर्तमान समय में ई-नाम पोर्टल पर करीब 1.74 करोड़ से अधिक किसानों और 2.39 लाख व्यापारियों ने पंजीकृत किया है. आंकड़ों के मुताबिक, ई-नाम प्लेटफॉर्म पर लगभग 2.42 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 69 मिलियन मीट्रिक टन का कुल व्यापार अब तक दर्ज किया गया है.
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ई-नाम वर्तमान समय में बहुत ही अधिक लोकप्रिय बनता जा रहा है. इसी कड़ी में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की एक प्रमुख पहल ई-नाम ने नई दिल्ली में आयोजित डिजिटल इंडिया पुरस्कार 2022 में डिजिटल नागरिक सशक्तिकरण श्रेणी में प्लेटिनम पुरस्कार जीता है. बता दें कि यह प्लेटिनम पुरस्कार भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ईनाम की संयुक्त सचिव, विपणन डॉ. एन विजयलक्ष्मी को सम्मानित रूप से प्रदान किया है. इस दौरान कई अधिकारी सहित राजनेता भी डिजिटल इंडिया पुरस्कार के कार्यक्रम में शामिल रहे हैं.
कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि
इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि भारत की राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मू ने डॉ. एन. विजय लक्ष्मी, संयुक्त सचिव, कृषि मंत्रालय को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे और संचार मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में डिजिटल इंडिया अवॉर्ड 2022 दिया गया.
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डिजिटल नवाचारों का प्रमुख उद्देश्य सामाजिक न्याय: राष्ट्रपति मुर्मु
डिजिटल इंडिया को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि डिजिटल इंडिया अवॉर्ड 2022 का यह पुरस्कार भारत को एक डिजिटल रूप से सशक्त समाज में बदलने की दिशा में पहला कदम हैं, जिससे डिजिटल शासन प्रणाली के अंतर्गत लोगों की क्षमता का सही पता चलता है. इसके अलावा उन्होंने यह बताया कि सामाजिक न्याय डिजिटल नवाचारों का प्रमुख उद्देश्य भी होना चाहिए. राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के डिजिटल परिवर्तन की कहानी नवाचार, कार्यान्वयन और समावेश की कहानी को व्यक्त करता है.
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