छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा माना जाता है. जी हाँ, यहाँ धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, क्योंकि यहाँ के वातावरण में कुछ ऐसी खासियत होती है, जिस वजह से यहाँ का पौष्टिकता से भरपूर होता है, साथ ही स्वादिष्ट भी होता है. इस कड़ी में अयोध्या नगरी में भी छत्तीसगढ़ के चावल की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. बता दें कि अयोध्या नगरी एवं उसके आस-पास के क्षेत्र में धान की खेतीबाड़ी की जाएगी.
कृषि महाविद्यालय रायपुर के अधिकारियों द्वारा मिली जानकारी में बताया गया है कि एक कंपनी से धान के बीज को लेकर सौदा किया गया है, जिसका नाम देवभोग बीज है. अयोध्या में करीब 110 क्विंटल देवभोग बीज की सप्लाई अप्रैल माह तक कर दी जाएगी. वहीँ, बारिश के मौसम में अयोध्या नगरी में देवभोग धान का उत्पादन किया जायेगा. इसके साथ ही देवभोग के चावल से अयोध्या में स्थित रामलला के लिए विशेष भोग तैयार किया जाएगा.
देवभोग धान की विशेषता (Characteristics Of Devbhog Paddy)
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देवभोग किस्म का धान 135-140 दिन में पककर तैयार हो जाता है.
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इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 45 – 50 क्विंटल पैदावार होती है.
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यह आकार में बहुत ही पतला और सुगन्धित होता है.
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यह किस्म पोषक त्तवों का भंडार है.
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इस किस्म में वसा की मात्रा बहुत कम पायी जाती है.
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किसानों की आमदनी में हो रहा इजाफा (Increasing Income Of Farmers)
वहीं राज्य सरकार का कहना है कि प्रदेश में बड़ी मात्रा में किसान भाई इस किस्म की बीज की बुवाई करेंगे. प्रदेश के अलावा बाहर के कई राज्यों में भी इसकी मांग बढ़ रही है, साथ ही प्रदेश के कई किसानों इस धान का निर्यात राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कर रहे हैं, जिससे किसानों की आमदनी में काफी अच्छा इजाफा हो रहा है.
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