दिल्ली में हो रही सीलिंग के चलते व्यापारियों को जिस तरीके से परेशानी का सामना करना पद रहा है.उससे उनका विरोध प्रदर्शन जाहिर है. इसी के विरोध में दिल्ली को बंद रखा गया. इस विरोध में दिल्ली के अहम बाजार बंद रहे. जिससे दिल्ली में करीब 1,800 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ. दिल्ली सरकार सीलिंग के विरोध में इस पर रोक लगाने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजने की तैयारी में है. सीलिंग मसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि बैठक में कांग्रेस प्रतिनिधियों ने सीलिंग के विरोध में संसद में आवाज उठाने और सीलिंग रुकवाने के लिए हर प्रयास करने का भरोसा दिया. सरकार उनके अच्छे सुझावों पर अमल करेगी. बैठक में भाजपा शामिल नहीं हुई. सरकार 351 सड़कों का व्यावसायिक उपयोग अधिसूचित करने के लिए अगले सप्ताह उच्चतम न्यायालय से मंजूरी लेने के लिए अपना पक्ष रखेगी. सरकार सभी दलों को साथ लेकर निगरानी समिति से सीलिंग रुकवाने के लिए भी मिलेगी.
चैंबर ऑफ ट्रेड ऐंड इंडस्ट्री के संयोजक बृजेश गोयल ने दावा किया सीलिंग के विरोध में बाजारों में आठ लाख दुकानें और 28 औद्योगिक क्षेत्रों में 1.5 लाख फैक्ट्रियां भी बंद रही. 100 से अधिक बाजारों में सीलिंग की शवयात्रा निकाली गई | सीलिंग के विरोध में बंद किए गए मार्किट से लगभग 1800 करोड़ का नुकसान हुआ है.
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