1. Home
  2. ख़बरें

Dairy Plus Yojana: मुर्रा भैंस पर राज्य सरकार देगी 50% सब्सिडी, योजना के बारे में यहां जानें सबकुछ

Dairy Plus Yojana: खेती के साथ अगर किसान कोई ऐसा व्यवसाय अपनाना चाहते हैं, जिससे हर महीने स्थिर और अच्छी आमदनी हो, तो पशुपालन सबसे बेहतरीन विकल्प है. खासकर मुर्रा भैंस का पालन लाखों किसानों की जिंदगी बदल रहा है. अब राज्य सरकार भी डेयरी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए मुर्रा भैंस पर 50% सब्सिडी दे रही है.

KJ Staff
buffao
मुर्रा भैंस पर राज्य सरकार देगी 50% सब्सिडी (Image Source - Freepik)

मध्य प्रदेश में पशुपालन आज ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सबसे मजबूत स्तंभ बनकर उभर रहा है. खेती के बाद जिस व्यवसाय को ग्रामीण परिवार सबसे ज्यादा अपनाते हैं, वह है डेयरी और पशुपालन, क्योंकि यह स्थिर आय देने वाला क्षेत्र है और इसमें जोखिम भी कम होता है. लाखों किसान और ग्रामीण परिवार दूध उत्पादन, भैंस पालन और डेयरी व्यवसाय से अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं.

इस तेजी से बढ़ते पशुपालन कारोबार को और गति देने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना शुरू की है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब और मध्यमवर्गीय पशुपालकों को उच्च नस्ल की मुर्रा भैंस उपलब्ध कराना और डेयरी व्यवसाय को लाभदायक बनाना है. इसके तहत लाभार्थियों को दो मुर्रा भैंस खरीदने पर 50% तक सब्सिडी दी जाएगी, जिससे किसान कम पूंजी में अपना डेयरी व्यवसाय शुरू कर सकेंगे.

कितना देना होगा पैसा और कितना होगा लाभ?

राज्य सरकार पशुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए लाभार्थियों को उनकी श्रेणी के अनुसार सब्सिडी दे रही है:

  • सामान्य वर्ग

  • दो मुर्रा भैंसें लेने के लिए किसान को ₹1,47,500 रुपये देने होंगे.

  • SC/ST वर्ग

  • इन श्रेणी के लाभार्थियों को अधिक राहत मिलेगी.

  • उन्हें केवल ₹73,700 रुपये ही जमा करने होंगे.

बाकी राशि का आधा हिस्सा सरकार 50% सब्सिडी के रूप में स्वयं वहन करेगी. यह रकम पशुपालन विभाग के माध्यम से अधिकृत एजेंसियों द्वारा जारी की जाती है, जिससे किसान बिना परेशानी के अपना डेयरी व्यवसाय शुरू कर सकें.

कैसी मिलेंगी भैंसें? (उच्च गुणवत्ता वाली मुर्रा नस्ल)

इस योजना की खासियत है कि लाभार्थी को सीधे दो उत्तम गुणवत्ता वाली मुर्रा भैंसें उपलब्ध कराई जाती हैं:

  1. पहली भैंस – लगभग 5 महीने गर्भवती

  2. दूसरी भैंस – एक महीने के बछड़े वाली

इस व्यवस्था से किसान शुरुआत से ही दूध उत्पादन शुरू कर सकते हैं. मुर्रा भैंस में लगभग 10 महीने का गर्भकाल होता है और यह पूरे साल अच्छे दूध उत्पादन के लिए जानी जाती है.

साथ ही सरकार लाभार्थी को 6 महीने का चारा भी उपलब्ध कराती है, जिससे नए पशुपालकों का खर्च काफी कम हो जाता है और भैंस को पौष्टिक आहार मिलता रहता है. इससे दूध उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता दोनों में बढ़ोतरी होती है.

कितना होगा मुनाफा?

मुर्रा भैंस भारत की सबसे लोकप्रिय और अधिक दूध देने वाली नस्ल मानी जाती है. इसकी खासियतें:

  • तेज दूध उत्पादन

  • मजबूत शरीर

  • कम देखभाल में अच्छी उपज

  • लंबे समय तक प्रजनन क्षमता

  • बाजार में ऊंची कीमत (करीब ₹1 लाख तक)

कमाई

मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना के तहत मिलने वाली दो मुर्रा भैंसें करीब 20 लीटर प्रतिदिन दूध देती हैं.

इससे किसान हर महीने लगभग ₹10,000 से ₹12,000 रुपये तक आराम से कमा सकते हैं.

आवेदन प्रक्रिया

इस योजना का लाभ सिर्फ किसान ही नहीं, बल्कि सामान्य नागरिक भी उठा सकते हैं. आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • लाभार्थी अपने नजदीकी पशु चिकित्सा कार्यालय में जाएं.

  • निर्धारित आवेदन फॉर्म भरें.

  • आवश्यक दस्तावेज जमा करें:

  1. आधार कार्ड

  2. बैंक पासबुक

  3. जाति प्रमाण पत्र (SC/ST के लिए)

  • पशुपालन विभाग दस्तावेजों की जांच कर आवेदन स्वीकृत करेगा.

  • इसके बाद लाभार्थियों को पशु चयन के लिए अधिकृत केंद्रों पर भेजा जाएगा.

 

English Summary: Dairy Plus Yojana MP Government will give 50 Percent subsidy on Murrah buffalo Published on: 25 November 2025, 12:02 AM IST

Like this article?

Hey! I am KJ Staff. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News