वैसे तो किसान देश में अन्नदाता के नाम से जाना जाता है और इस अन्नदाता की लोग काफी सराहना भी करते हैं। लेकिन कई बार किसानों के साथ ऐसी घटना हो जाती है जो दिल को छकझोर कर रख देती है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से सटे बैरसिया तहसील के परसोरिया घाटखेड़ी गांव में चार दबंगों ने गुरुवार सुबह 70 साल के दलित किसान किशोरीलाल जाटव को पेट्रोल उड़ेलकर जिंदा जला दिया। घटना के बाद किसान लगभग 90 फीसदी तक जल गए और बाद में उन्होंने उपचार के वक्त अस्पताल में दम तोड़ दिया।
कीसान का कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने अपनी पट्टे की जमीन को जोत रहे दबंगों का विरोध किया था। वहीं मामले में तूल पकड़ते देख पुलिस ने दोपहर के वक्त चार आरोपियों के खिलाफ हत्या, खेत पर कब्जे की कोशिश और एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया। वहीं आरोपियों की शाम तक गिरफतारी नहीं होने के कारण गांव में तनाव बढ़ गया जिसके बाद आरोपियों को करीब रात 11:30 बजे आरोपियों को हिरासत में लिया।
मृतक किसान के परिजनों ने लगाए कई आरोप
2002 में सरकार ने परसोरिया जोड़ स्थित 3.5 एकड़ जमीन परिवार को पर पट्टा दिया था। तभी से किसान इस पर खेती कर रहे थे। वहीं इस साल गांव के दबंग तीरन सिंह यादव ने इस पर कब्जा कर लिया। गुरुवार सुबह किसान किशोरी और उसकी पत्नी तंखिया और पिता किशोरी लाल खेत पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि तीरन, उसका बेटा प्रकाश, भतीजे संजू और बलबीर खेत को ट्रैक्टर से जोत रहे थे। जिसके बाद किसान ने उसका विरोध किया तो पहले दबंगों ने उन्हें धमकाया और बाद में उन्हें जिन्दा जला दिया।
बता दें की यह पूरा वाक़्या किसान की पत्नी के सामने हुआ औऱ उन्होंने अपने पति को बचाने के लिए कई बार प्रयास किया।
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