आज यानी शुक्रवार, 7 जून 2024 को सीएससी एसपीवी और भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके तहत ‘10,000 पंजीकृत एफपीओ को सीएससी में परिवर्तित किया जाएगा और उन्हें नागरिक-केंद्रित सेवाएं प्रदान करने में मदद की जाएगी.
10,000 FPO को CSC में किया जाएगा परिवर्तित
एमओयू के अनुसार, 10,000 एफपीओ को सीएससी में परिवर्तित किया जाएगा. सीएससी एसपीवी उन्हें डिजिटल सेवा पोर्टल पर उपलब्ध सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाएगी. एफपीओ का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण सीएससी द्वारा किया जाएगा. पीएसीएस किसानों को विभिन्न कृषि और खेती की गतिविधियों के लिए अल्पकालिक और मध्यम अवधि के कृषि ऋण प्रदान करते हैं. पीएसीएस सहयोग की रीढ़ हैं. इनके माध्यम से सीएससी सेवाओं के वितरण से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
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CSC का ग्रामीण जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास
सीएससी ने हमेशा विभिन्न पहलों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास किया है. किसान और कृषि हमारी पहल का एक अभिन्न अंग हैं. देश के दूरदराज के क्षेत्रों में मौजूद सीएससी के विशाल नेटवर्क की बदौलत वे पहले से ही टेली-परामर्श, फसल बीमा, ई-पशु चिकित्सा, किसान क्रेडिट कार्ड और पीएम किसान योजनाओं के माध्यम से किसानों को विभिन्न सेवाएं प्रदान कर रहे हैं.
नागरिकों को मिलेगी सभी सेवाएं
कार्यक्रम के दौरान, सीएससी एसपीवी के एमडी-सीईओ संजय राकेश ने कहा, “यह बेहद खुशी की बात है कि 10,000 पैक्स अब कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में काम करेंगे. इस पहल से, पैक्स से जुड़े अधिक किसान सीएससी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे. इससे पैक्स नागरिकों को वे सभी सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होंगे जो सीएससी योजना के डिजिटल सेवा पोर्टल पर उपलब्ध हैं.”
उन्होंने आगे कहा, यह पहल देश के ग्रामीण विकास और डिजिटल सशक्तिकरण के आंदोलन को एक नया आयाम देगी. सीएससी की कृषि संबंधी सेवाओं में भारी वृद्धि होगी. यह पैक्स को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी), ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस), फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) और उर्वरक और बीज इनपुट जैसी विभिन्न सेवाएं प्रदान करने के लिए एक नोडल केंद्र बनने में भी मदद करेगी.
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव श्री मनोज आहूजा की गरिमामयी उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. कार्यक्रम के दौरान कृषि निदेशक (विपणन) श्री कपिल अशोक बेंद्रे भी उपस्थित रहें.
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